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आज मनाया जा रहा है ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’, जानिये क्या है इस बार की थीम

Pen Point, Dehradun : लोकतंत्र में मतदान सबसे मौलिक अधिकारों में से एक है। इस अधिकार की जागरूकता के लिये भारत में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। यह युवाओं को चुनाव प्रक्रिया से जोड़ने और उनमें राजनीतिक चेतना जगाने का अभियान है। वहीं इसके जरिये मतदाताओं को मतदान सहित लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसकी शुरुआत 25 जनवरी 2011 को भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के मौके पर हुई थी।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास

पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 2011 की कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मंजूरी दी। उस वक्‍त पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने मीडिया से बातचीत में कहा युवाओं को वोटिंग की प्रक्रिया में आने में कोई दिलचस्पी नहीं है। यही कारण है कि चुनाव आयोग ने उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान शुरू करने का निर्णय लिया है जो हर साल 1 जनवरी को 18 वर्ष के हो जाते हैं। हर साल 25 जनवरी को, पात्र मतदाताओं का नामांकन किया जाएगा और उन्हें उनके चुनावी फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) दिए जाएंगे। नए मतदाताओं को ‘मतदाता होने पर गर्व है – मतदान के लिए तैयार’ वाला बैज भी मिलेगा।

                                राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 की थीम

'Pen Pointइस वर्ष की थीम ‘वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से वोटर हूं’  (‘Nothing Like Voting, I Vote For sure’) है। यह पिछले साल की थीम से आगे है, और अपने वोट की ताकत से चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी के प्रति एक व्यक्ति की भावना और आकांक्षा को व्यक्त करता है। इस बार की थीम का लोगो इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह चुनावी प्रक्रिया के उत्सव और हर वर्ग की भागीदारी को दिखाता है। जिसकी पृष्ठभूमि में अशोक चक्र दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतीक है, जबकि स्याही लगी उंगली देश के प्रत्येक मतदाता की भागीदारी का प्रतिनिधित्व करती है।

 

मतदाता दिवस का मुख्‍य कार्यक्रम

इस बार राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस पर भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण राम मेघवाल सम्मानित अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में मालदीव, फिलीपींस, रूस, श्रीलंका और उज्बेकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुख और प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। फिल्म निर्माता राज कुमार हिरानी के सहयोग से ईसीआई द्वारा निर्मित एक लघु मतदाता जागरूकता फिल्म – माई वोट माई ड्यूटी – भी प्रदर्शित की जाएगी। लघु फिल्म में कई मशहूर हस्तियों को उनके संदेशों के साथ लोकतंत्र की भावना और एक वोट की शक्ति को उजागर करते हुए दिखाया गया है।

भारत में मतदान को लेकर कुछ तथ्य 

– मतदान 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीयों के लिए खुला है। संविधान (इकसठवाँ संशोधन) अधिनियम, 1988 ने लोकसभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए मतदान करने की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

– इन सब पर नज़र रखने वाली संस्था चुनाव आयोग के अनुसार, भारत की 1.3 अरब आबादी में से 900 मिलियन मतदाता हैं।

-पात्र मतदाताओं में से आधे से भी कम महिलाएँ हैं, और 300 मिलियन निरक्षर हैं। 39,000 लोग ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान रखते हैं।

-912 मिलियन लोग मतदान करने के पात्र थे, और 67 प्रतिशत ने मतदान किया – अब तक का सबसे अधिक मतदान, और महिलाओं का अब तक का सबसे अधिक मतदान।

-श्याम सरन नेगी (जन्म 1 जुलाई, 1917) ने भारत में 1951 के आम चुनाव में पहला वोट डाला जो 1947 में अंग्रेजों के चले जाने के बाद देश का पहला चुनाव हुआ था।

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