हमारे गौरवः जानिए कौन हैं उत्तराखंड से पद्ममश्री हासिल करने वाली हस्तियां
Pen, Point Dehradun: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्मश्री पुरस्कार से उत्तराखंड की तीन विभूतियों को सम्मानित किया गया है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में यह सम्मान प्रदान किया। इन हस्तियों में शामिल हैं – समाज सेविका राधा भट्ट, यात्रा वृतांत लेखक ह्यूग गैंट्ज़र और उनकी पत्नी स्व. कोलीन गैंट्ज़र।
राधा भट्ट – सामाजिक सेवा का पर्याय
उत्तराखंड की प्रतिष्ठित समाजसेविका राधा भट्ट को सामाजिक कार्यों के लिए पद्मश्री से नवाजा गया। मात्र 16 वर्ष की उम्र में वह कुमाऊंनी स्वतंत्रता सेनानी सरला बेन (कैथरीन हिलमैन) के आश्रम से जुड़ गईं थीं। उन्होंने बेरीनाग ग्राम स्वराज्य मंडल की स्थापना की, जो उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के अधिकार, शिक्षा, स्वावलंबन और सामाजिक विकास पर केंद्रित है।
राधा भट्ट चिपको आंदोलन (1975) की भी सक्रिय कार्यकर्ता रहीं। उनका जीवन गांधीवादी विचारधारा और ग्राम स्वराज की भावना का जीवंत उदाहरण है। उन्हें पूर्व में जमनालाल बजाज पुरस्कार, गोदावरी पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शिनी पर्यावरण पुरस्कार, मुनि संतबल पुरस्कार और स्वामी राम मानवतावादी पुरस्कार जैसे सम्मान भी मिल चुके हैं।
ह्यूग और कोलीन गैंट्ज़र – भारत भ्रमण के शब्दचित्रकार
ह्यूग गैंट्ज़र और उनकी दिवंगत पत्नी कोलीन गैंट्ज़र को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। ह्यूग गैंट्ज़र एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी हैं, जो कमांडर पद तक सेवा कर चुके हैं। सेवामुक्त होने के बाद उन्होंने और उनकी पत्नी ने भारत के विविध स्थलों की यात्रा की और उन्हें शब्दों में गूंथा।
इस लेखक जोड़ी ने 3,000 से अधिक लेख, कॉलम और फीचर प्रकाशित किए हैं और 30 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी रचनाएँ भारत की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक स्थलों और आम लोगों की कहानियों को एक अनूठी यात्रा शैली में सामने लाती हैं।
स्व. कोलीन गैंट्ज़र की लेखनी में विशेष संवेदनशीलता और यात्रा अनुभवों की सुंदर व्याख्या झलकती थी, जो आज भी पाठकों को आकर्षित करती है।
उत्तराखंड की प्रेरणास्रोत विभूतियाँ
तीनों ही पद्मश्री सम्मानित व्यक्तित्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक, सामाजिक और बौद्धिक विरासत के चमकते सितारे हैं। जहां राधा भट्ट ने समाज के जमीनी स्तर पर बदलाव के लिए दशकों तक कार्य किया, वहीं गैंट्ज़र दंपति ने शब्दों के माध्यम से भारत को आत्मीयता से दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।
उत्तराखंडवासियों के लिए यह सम्मान न केवल गर्व का विषय है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।