पंचम केदार ‘कल्पेश्वर : जहां वर्ष भर खुले रहते हैं कपाट
Pen, Point Dehradun: उत्तराखंड के प्रसिद्ध उच्च हिमालई शिव धाम पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ, प्रथम केदार केदारनाथ धाम, तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके है, वहीं द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर महादेव के कपाट इस बार सबसे आखिरी में बंद होने है, मान्यता है की 11वें ज्योतिर्लिंग और प्रथम केदार के रूप में जाने वाले केदारनाथ धाम में जहां भगवान शिव के वृष स्वरूप के पृष्ट भाग के दर्शन होने है,वहीं द्वितीत केदार मद्महेश्वर धाम में नाभि दर्शन होते है, इसी तरह तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में भुजाओं के दर्शन प्राप्त होता है, तो चतुर्थ केदार रुद्रनाथ में भगवान शिव के एकाननं स्वरूप मुख भाग के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित होता है, अंतिम और पंचम केदार के रूप में कल्प घाटी में विराजमान भगवान कल्पेश्वर महादेव के मंदिर में भक्तो को भगवान शिव की कल्प/जटाओं के दर्शन हो पाते है, इस तरह पंच केदार धामों में पांच अलग अलग स्वरूप के दर्शन श्रद्धालु पाते है, बड़ी बात ये है कि एकमात्र केदार जिनके कपाट बारह माह भक्तों के लिए खुले रहते है वो शिव धाम पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव के नाम से चमोली जनपद के ज्योतिर्मठ प्रखंड के कल्प घाटी उर्गम में विराजमान है,
कल्पेश्वर मंदिर की प्रबंधन समिति से रघुवीर सिंह ने बताया कि यहां भक्तों को भगवान शिव की कल्प यानि जटाओं के पावन दर्शन होते है, पांच केदारों में एक यही केदार ऐसा है जहां श्रद्धालु भगवान कल्पेश्वर महादेव के दर्शनों के लिए वर्ष भर आ सकते है, चार धाम यात्रा सहित पूरे साल भर के दौरान यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, इन दिनों कल्पेश्वर महादेव के धाम में रुद्र अभिषेक पूजा से लेकर प्रति दिन होने वाली भगवान कल्पेश्वर महादेव जी की सांय कालीन आरती दर्शन के लिए भी देश के कोने कोने से श्रद्धालु पहुंच रहे है,