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पेरिस ओलंपिक में पौड़ी की उड़नपरी ‘अंकिता’ भरेंगी उड़ान

– पौड़ी गढ़वाल की अंकिता ध्यानी ने आखिरी वक्त में हासिल किया मुकाम, रविवार को विश्व रैंक के आधार पर बनी भारतीय दल का हिस्सा
Pen Point, Dehradun : रविवार को उत्तराखंड के हिस्से एक बहुत बड़ी खुशखबरी आई। यूं तो इसकी चर्चा बहुत कम हुई लेकिन खेल, खिलाड़ियों और पहाड़ की बेटियों के लिए यह खबर बहुत बड़ी और प्रेरणादायक रही। पहाड़ की पगडंडियों पर दौड़ लगाने वाली किसान परिवार में जन्मी 22 वर्षीय अंकिता ध्यानी को पेरिस ओलंपिक में भारत की ओर से शामिल हो रहे खिलाड़ियों के दल में जगह मिली है। एथलिट में विश्व रैकिंग के आधार पर पौड़ी की इस बेटी को ओलंपिक का टिकट मिला है। 26 जुलाई से पेरिस में शुरू हो रहे खेलों के महाकुंभ में हिस्सा लेने वाली अंकिता ध्यानी राज्य की पहली महिला एथलिट है जिने ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है, जबकि ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली वह प्रदेश की दूसरी महिला खिलाड़ी है। इससे पहले हॉकी में हरिद्वार की वंदना कटारिया को 2016 के रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिला था।
बीते रविवार को लंबी कूद के एथलीट जेस्विन एल्ड्रिन और 5000 मीटर धावक अंकिता ध्यानी ने रविवार को विश्व रैंकिंग कोटे के जरिये पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया, जिससे भारतीय एथलेटिक्स टीम में सदस्यों की संख्या बढ़कर 30 हो गई।
अंकिता ध्यानी इससे पहले अलग अलग खेल राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की एथलीट प्रतियोगिताओं में पांच बार स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 2022 में चीन में हुए एशियन गेम्स में भारतीय दल में भी अंकिता ध्यानी शामिल रही।
गौरतलब है कि एथलीट अंकिता ध्यानी तब चर्चाओं में आई थी जब देहरादून के स्पोर्ट्स कॉलेज ने उसे प्रतियोगिता की तैयारी के लिए कॉलेज परिसर में बने सिंथेटक ट्रैक पर दौड़ने की अनुमति नहीं दी थी। स्पोर्ट्स कॉलेज के इस रवैये से दुखी होकर अंकिता ध्यानी ने सड़कों और पगडंडियों पर दौड़कर अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। इसके बाद नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशील में दौड़कर कांस्य पदक जीता था।

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