हल्द्वानी में छठ पूजा के लिए सजे पूजा स्थल
Pen, Point Dehradun: छठ पूजा का 4 दिवसीय महापर्व 5 नवंबर से नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है. मंगलवार से शुरू हुआ यह पर्व शुक्रवार तक चलेगा. हल्द्वानी में करीब 4 हजार महिलाएं छठ का व्रत करती हैं .मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छठ पूजा समिति के अध्यक्ष कृष्णा शाह ने बताया कि इस बार पूजा के लिए 21 वेदियां बनाई गई हैं . घाट को रंग कर दुल्हन की तरह सजा दिया गया है. छठ में महिलाएं अपने परिवार और संतान की सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य, यश, मान की कामना के लिए कठोर व्रत करती हैं. महिलाएं पति और बच्चों की दीर्घायु के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है. वैसे तो छठ मुख्य रूप से बिहार, यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है. लेकिन उत्तराखंड के हल्द्वानी समेत कई जिलों में भी छठ पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाता है.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से छठ पूजा का महापर्व शुरू होता है. लोक आस्था का यह महापर्व चार दिन तक चलता है. पहले दिन नहाय खाय में व्रती नदियों में स्नान कर चावल, कद्दू और सरसों का साग खाकर शुरू करते हैं. दूसरे दिन खरना, तीसरा दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ पूजा का मुख्य कार्यक्रम 7 नवंबर को है. जिसमें पूर्वी समाज के लोग एकत्र होंगे और 21 वेदियों में पूजा संपन्न होने के साथ डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा.8 नवंबर को सप्तमी के दिन उगते सूरज को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होगा.
समिति के महामंत्री मुरानी प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि छठ पूजा में तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है, क्योंकि यह समय प्रतीकात्मक रूप से जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों को समाप्त करने और नवजीवन का आरंभ करने का संकेत देता है. डूबते सूर्य की पूजा करके व्यक्ति जीवन में आने वाले अंध