रवि बडोला हत्याकांड : प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, आक्रोश जारी
Pen Point, Dehradun : रवि बडोला हत्याकांड से आक्रोशित लोगों ने गुरूवार की सुबह डोभाल चौक पर चक्का जाम और प्रदर्शन किया। उत्तराखंड मूल निवासी एवं भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने आज देहरादून बंद का ऐलान किया था। जिसके तहत किये जा रहे प्रदर्शन में कई आंदोलनकारी और स्थानीय लोग शामिल थे। जिस पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए कई आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया और उनके विरूद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज किये गए हैं।
गौरतलब है कि बीते 16 जून की रात को रायपुर थाने के डोभाल चौक इलाके में दीपक बडोला उर्फ रवि की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। दीपक अपने दो साथियों के साथ डोभाल चौक के पास रहने वाले सोनू भारद्वाज के घर अपनी कार वापस लेने गया था। घटनाक्रम के मुताबिक दीपक ने अपनी कार सागर यादव नाम के शख्स को बेचने के लिये दी थी, लेकिन सागर यादव ने वह कार सोनू भारद्वाज के पास गिरवी रखकर उससे ब्याज पर तीन लाख रूपए ले लिये थे। दीपक बडोला ने सागर यादव से इस बात पर ऐतराज किया और अपने दो साथियों मनोज नेगी और सुभाष क्षेत्री के साथ रविवार की रात को सोनू भारद्वाज के घर पहुंचा। वहां पहले से मौजूद पैरोल पर छूटा मुजप्फर नगर निवासी रामबीर और अन्य लोगों ने तीनों पर गोलियां चला दी। इस गोलीकांड में दीपक बडोला की मौत हो गई और उसके दोनों साथी घायल हो गए।
जिनका इंद्रेश अस्पताल में इलाज चल रहा हैं। पुलिस ने इस मामले में अब तक सोनू भारद्वाज, रामबीर और अंकुश समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कोर्ट में आरोपियों की दो दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिये 21 जून को दिन तय किया है।
इस घटना से गुस्साए लोगों ने अगले ही दिन सोनू भारद्वाज के घर पर तोड़ फोड़ करने के साथ ही धरना दे दिया। धरने में मृतक दीपक बडोला की पत्नी उर्वी बडोला के साथ ही उसके सभी परिजन और बड़ी तादाद में स्थानीय लोग पहुंचे। रोष बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड मूल निवास एवं भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने गुरूवार को देहरादून बंद का ऐलान किया। उन्होंने दीपक बडोला के हत्यारों को शीर्घ ही सख्त सजा दिये जाने, सोनू भारद्वाज की संपत्ति ध्वस्त करने और बाहरी आपरोधिक तत्वों की जांच करने के साथ ही मृतक की पत्नी को स्थायी नौकरी व एक करोड़ रूपए मुआवजे की मांग की है।
समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने आरोप लगाया कि नेताओं और बाहरी तत्वों का गठजोड़ी मूल निवासियों के हितों पर हमला कर रहा है। उन्होंने उत्तराखंड में भू कानून लागू करने और बाहरी राज्यों के अवांछित लोगों और कारोबारियों पर अंकुश लगाने की मांग की।