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REACTION- VIP और विधायक के खिलाफ तनी मुट्ठियां, “हत्यारों को फांसी हो”

कोटद्वार/देहरादून, 30 मई 2025:  कोटद्वार की एडीजे कोर्ट द्वारा अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तराखंड में जनआक्रोश और गहराता नजर आ रहा है। कोटद्वार से देहरादून तक कई संगठनों और लोगों ने फैसले पर नाराज़गी जताई और फांसी की मांग को दोहराया।

इस दौरान अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने मीडिया से बातचीत में भावुक होते हुए कहा –

“मैं अभी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं, भले ही मेरी बेटी की आत्मा को कुछ संतोष हुआ होगा लेकिन मैं पूरी तरह तभी संतुष्ट होऊंगी जब दोषियों को फांसी की सजा होगी।”

उनके इस बयान ने लोगों की भावनाओं को और भी आंदोलित कर दिया।

उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की लड़ाई ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया जब कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने तीनों दोषियों – पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लेकिन फैसले के कुछ ही घंटे बाद अदालत के बाहर जनता का गुस्सा फूट पड़ा।

“उम्रकैद नहीं, फांसी चाहिए!”, “VIP कौन था? नाम उजागर करो!”, जैसे नारों से कोटद्वार की सड़कों पर फिर एक बार आक्रोश गूंजने लगा। कई सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और आम लोगों ने इसे ‘अधूरा न्याय’ करार दिया है।


 VIP पर उठते सवाल, रेणु बिष्ट पर गंभीर आरोप

फैसले के बाद जनता का गुस्सा सीधे उन चेहरों की ओर मुड़ा जो अभी भी कानून की पकड़ से बाहर हैं। लोगों का आरोप है कि घटना के पीछे किसी “VIP” की भूमिका रही, जिसे अब तक नाम तक नहीं दिया गया। वहीं, यमकेश्वर की विधायक रेणु बिष्ट पर भी सबूत नष्ट करने के आरोप लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद पुलकित आर्य के रिजॉर्ट के एक खास हिस्से को तुड़वाया, जिससे जांच के अहम सुराग मिटा दिए गए। इसके बावजूद ना तो उनका नाम चार्जशीट में है और ना ही कोई कार्रवाई।


राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज

हरीश रावत (पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस):

“हम उम्मीद कर रहे थे कि इनको फांसी की सजा होगी। ये राज्य सरकार के अभियोजन पक्ष की नाकामी है कि उस VIP को बचा लिया गया, जो असल गुनहगार है।”

मोहित डिमरी (यूथ नेता):

“जनता फांसी की मांग कर रही है, और VIP के नाम के खुलासे की भी। यह केवल तीन लोगों की सजा नहीं है, यह सत्ताधारी संरक्षण का मामला है।”

बॉबी पंवार (यूथ नेता) :

“क्या यही इंसाफ है? क्या उम्रकैद ही काफी है? VIP के नाम पर पर्दा क्यों? उत्तराखंड की धरती अब चुप नहीं बैठेगी। अगर अब भी न्याय अधूरा रहा तो क्रांति होगी।”

गरिमा मेहरा दसौनी (कांग्रेस प्रवक्ता) “अंकिता के परिवार ने बहुत यातनाएं सही हैं, दोषियों को फांसी की सजा के साथ ही वीआईपी के नाम का खुलासा किया जाना बहुत जरूरी है, जब तक इस मामले की सारी बातें खुलकर सामने नहीं आएगी तब तक अंकिता भंडारी के परिजनों को न्याय नहीं मिल सकेगा।”


उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा का ऐलान – अब चुप्पी नहीं, टकराव होगा

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा समेत कई संगठनों ने कोटद्वार में नारेबाजी करते हुए ऐलान किया कि अगर जल्द ही VIP का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया और दोषियों को फांसी की सजा नहीं दी गई, तो राज्यव्यापी जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।


 जनता के सवाल अनुत्तरित हैं:

  • आखिर वो VIP कौन था जिसे बचाया गया?

  • विधायक रेणु बिष्ट की भूमिका की जांच क्यों नहीं हुई?

  • कोर्ट की चार्जशीट से VIP और राजनीतिक नाम क्यों गायब हैं?

  • क्या सजा के बाद अब फाइलें बंद कर दी जाएंगी?

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