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ग्राम प्रधान का प्रशासक पद से इस्तीफा, कहा जनसेवक हूं प्रशासक नहीं बन सकता

उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॅाक के नटीण गांव से एक खास खबर है। गौरतलब है कि पचांयतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार ने पहले जिला पंचायत अध्यक्षों और उसके बाद ब्लॉक प्रमुखों के साथ ही ग्राम प्रधानों को ही प्रशासक की जिम्मेदारी दे दी। सरकार का यह फैसला लोगों को अब तक अटपटा लग रहा है लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। ऐसे माहौल में अलग नजीर पेश करते हुए नटीण के ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह पोखरियाल ने प्रशासक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस संबंध में बकायदा जिलाधिकारी को पत्र देकर प्रशासक का पद त्याग दिया। इस पत्र में उन्होंने ऐसी बातें लिखी हैं जो सरकार के फैसले और उसके दूरगामी प्रभावों पर सवाल खड़े करती हैं।

जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक क्यों बनाया यह सवाल मीडिया से लेकर विपक्ष और सिविल सोसायटी की ओर से सिरे से गायब है। हालांकि पंचायतों में प्रशासकों की स्थिति पूर्ववत रही लेकिन प्रचायत प्रतिनिधियों की मांग पर सरकार ने उन्हें भी उन्हीं की जगह पर प्रशासक नियुक्त कर दिया। एक जनप्रतिनिधि और प्रशासक में बुनियादी फर्क समझाता पोखरियाल का यह पत्र सोशल मीडिया पर भी है। राज्य आंदोलनकारी रहे पोखरियाल का यह पत्र खुद को नेता कहने वालों के लिये भी एक नसीहत है, आप भी पढ़ें-

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