जामा मस्जिद की गलियों में सन्नाटा, आरोपियों की तलाश जारी
Pen, Point : संभल शहर के तीन स्थानों पर बवाल करने के आरोपियों को पुलिस फोटो और वीडियो के आधार पर तलाश कर रही है। बवालियों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिससे उन्हें पहचान कर गिरफ्तार किया जा सके। कई बवाली पहचाने जा चुके हैं, उनकी तलाश में सोमवार की देर रात पुलिस ने तलाश की लेकिन वह गिरफ्तार नहीं हो सके।
बवाल वाले क्षेत्र में ज्यादातर लोग घर छोड़कर भाग गए हैं। पुलिस की गाड़ियां देर रात तक सायरन बजाकर घूमती रहीं। अन्य क्षेत्र में भी पुलिस मुस्तैद है। संभल और नखासा थाना क्षेत्र से 27 बवालियों को जेल भेजा जा चुका है। इसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
जामा मस्जिद के नजदीक से शुरू हुआ बवाल नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा तक पहुंच गया था। गनीमत यह रही कि पुलिस ने पूरे शहर को इस बवाल की चपेट में आने से बचा लिया। पुलिस समय रहते काबू कर लिया गया।
मंगलवार को जामा मस्जिद, नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति दिखाई दी। स्थानीय लोगों के अलावा कोई दिखाई नहीं दिया। नखासा तिराहे पर कुछ फल के ठेले लगे लेकिन देर शाम तक उनकी बिक्री पुलिस द्वारा ही कराई गई।
शहर में बवाल के बाद मंडल भर के अधिकारी बुला लिए गए हैं। बिजनौर जनपद के एसपी पूर्वी और मुरादाबाद से एसपी यातायात को निगरानी के लिए लगाया गया है। अमरोहा और रामपुर से डीएसपी व इंस्पेक्टर को भी ड्यूटी में लगाया गया है। इसके अलावा बड़ी संख्या में दरोगा और सिपाही की ड्यूटी गई है। पीएसी जवान और अधिकारी भी संभल में मौजूद हैं।
बवाल के दौरान मकान निर्माण के लिए आईं ईंटों का उपद्रवियों ने इस्तेमाल किया था। मंगलवार को नगर पालिका ने उन ईंटों को जब्त कर लिया है। अब पालिका जब्त की गई ईंटों का इस्तेमाल अपने कार्यों में करेगी। ईओ पालिका मणिभूषण तिवारी का कहना है कि ईंटों को जब्त कर लिया गया है। इनका इस्तेमाल अब पालिका अपने कार्यों में करेगी। क्योंकि इसमें ज्यादातर ईंट पथराव के समय टूट गई हैं। इसलिए मरम्मत के काम ही आ सकती हैं। रविवार को जामा मस्जिद से बवाल शुरू हुआ था। इसके बाद नखासा तिराहा और फिर हिंदूपुरा खेड़ा में पथराव हुआ था। इन सभी स्थानों पर मकानों के निर्माण के लिए आई ईंटों का उपद्रवियों ने इस्तेमाल किया।
रविवार को बवाल के बाद डीएम राजेंद्र पैसिया ने 30 नवंबर तक संभल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। सामाजिक, राजनीतिक व जनप्रतिनिधि संगठनों को बिना अनुमति प्रवेश नहीं मिलेगा। मंगलवार को राहुल गांधी और सपा के प्रतिनिधिमंडल के आने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया। बॉर्डर पर चेकिंग की गई। मनोटा में बैरियर लगाकर वाहन चेक किए। हालंकि राहुल गांधी या अन्य कोई जनप्रतिनिधि संभल नहीं पहुंचा।
डीएम ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जो बवाल हुआ है, उसको देखते हुए सामाजिक संगठन व जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगाई है। बताया कि शहर में इस समय शांति है। साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि संभल का दौरा सामाजिक व राजनीतिक लोग 30 नवंबर के बाद ही करें। यदि किसी ने बिना अनुमति संभल में प्रवेश करने का प्रयास किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया कि इस समय जिले के सभी बॉर्डर पर चेकिंग कराई जा रही है।
महिलाओं पर भी पुलिस ने पथराव करने का आरोप लगाया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि जो आरोपी पकड़े गए थे, उन्हें जेल भेज दिया है। अब प्राथमिकता है कि शहर का माहौल सामान्य किया जाए। जो फुटेज के आधार पर पहचाने जाएंगे उनको तो गिरफ्तार किया ही जाएगा।