सिलक्यारा टनल अपडेट : सेना समेत पांच ऐजेंसियों को काम में झोंका
Pen Point, Sikyara : सिलक्यारा पौल गांव टनल में फंसे मजदूरों को बचाने की कोशिशें अब तक कामयाब नहीं हुई हैं। लिहाजा अब भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार ने इस के लिये पांच मोर्चों पर काम शुरू किया है। कहा जा सकता है कि बड़े पैमाने पर मशीनरी झोंक दी गई है। सेना समेत रेस्क्यू के इस काम में सुरंग निर्माण का अनुभव रखने वाली पांच ऐजेंसियां शामिल हैं। वहीं अब तक रोका गया ड्रिलिंग का काम दोबारा शुरू कर दिया गया है। इन पांच ऐजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
रेल विकास निगम (आरवीएनएल)- मजदूरों तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए वर्टिकल पाइपलान का काम आरवीएनएल के जिम्मे है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन में टनलिंग और उससे जुड़े सुरक्षा संबंधी कार्यों के अनुभव को देखते हुए निगम को यह काम सौंपा गया है। सिलक्यारा साइट से बीआरओ ने एक दिन में ऐप्रोच रोड पूरी कर दी थी, जिससे अब आरवीएनएल ने अपना काम शुरू कर दिया है।
नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. (एनएचआईडीसीएल)- भारत सरकार की इसी कंपनी की देखरेख में ही सिलक्यारा पॉलगांव टनल बनाई जा रही है। यह पहले की तरह सिल्क्यारा छोर से ड्रिलिंग जारी रखेगी। जिसमें सुरक्षा को देखते हुए सेना ने बॉक्स पुलिया तैयार की है। वहीं सुरंग में उपर से ढांचा बनाया जा रहा है। एनएचआईडीसीएल मजदूरों तक भोजन पहुंचाने के लिए 6 इंच की एक और पाइपलाइन बना रहा है और 39 मीटर की ड्रिलिंग कर रहा है। जिसमें 60 मीटर पूरा हो गया है।
टिहरी जलविद्युत विकास निगम (टीएचडीसी)- टिहरी बांध में सुरंगों का जाल तैयार करने का अनुभव रखने वाले टीएचडीसी को माइक्रो टनलिंग का काम सौंपा गया है। टीएचडीसी बड़कोट छोर से माइक्रो टनलिंग का काम शुरू करेगा, जिसके लिए भारी मशीनरी जुटाई गई है। सरकार की ओर से जारी प्रेस ब्रीफिंग के मुताबिक टीएचडीसी ने रविवार की रात से ही कार्रवाई शुरू कर दी है।
सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल)- उत्तरकाशी जिले में टोंस नदी पर बांध बना रही एसजेवीएनएल की भी मदद ली जा रही है। एसजेवीएनएल फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग करेगा। जिसके लिये रेलवे के माध्यम से गुजरात और ओडिशा से उपकरण जुटाए गए हैं। बताया जा रहा है कि 75 टन का उपकरण होने के कारण इसे हवाई मार्ग से नहीं ले जाया जा सकता था।
ओएनजीसी- भारत सरकार के बड़े उपक्रमों में से एक ओएनजीसी को भी राहत बचाव में मदद के लिये बुलाया गया है। जिसे बड़कोट छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग करना है। बीआरओ ने ओएनजीसी और एसजेवीएनएल की मशीनों के लिए एप्रोच रोड पहले ही शुरू कर दी है।