खास पहल: कठोर जिंदगी के बीच क्रिकेट के रोमांच को जी रही गांव की ये महिलाएं
-पौड़ी के बीरोंखाल में पहली बार आयोजित की जा रही है महिलाओं की क्रिकेट प्रतियोगिता, ग्रामीण महिलाओं की 32 क्रिकेट टीमें ले रही हिस्सा
Pen Point, Dehradun : पौड़ी गढ़वाल के सुदूर बीरोखाल ब्लॉक के किसी गांव की 34 वर्षीय शांति देवी को आम गेंदबाजों की तरह हाथ घुमाकर बॉल फेंकना नहीं आता। क्योंकि उन्होंने कभी क्रिकेट खेला भी नहीं, लेकिन उत्साहित शांति देवी अपनी टीम के लिए दूसरे छोर से गेंद लिए बल्लेबाज की तरफ सीधी फेंक देती है, सामने बैटिंग कर रही है 28 वर्षीय पूनम। जिसने पहली बार बल्ला पकड़ा है, लेकिन वह भी पूरे आत्मविश्वास से सामने से आ रही गेंद को शॉट मारकर दूर भेज देती है और जल्दी से दो रन पूरे कर लेती है।
पहाड़ की इन महिलाओं की कठोर जिंदगी में फुर्सत के ये नए पल हैं। अब तक सुबह उठकर परिवार के लिए खाना बनाना, दूर जंगल से मवेशियों के लिये घास जुटा लाना, फिर दोपहर का खाना पकाने की तैयारी और शाम को मवेशियों को चराकर वापस लाना और देर रात तक घरेलू कामों में जुटे रहना पहाड़ की महिलाओं की आम जिंदगी है। लेकिन बीरोंखाल ब्लॉक की महिलाओं की दिनचर्या पिछले शनिवार से बदली हुई है।
पौड़ी जिला मुख्यालय से करीब 100 किमी दूर स्थित पंचराड़ गांव में पिछले तीन दिनों से पूरे क्षेत्र से महिलाओं किशोरियों की भीड़ सुबह दस बजे गांव के पास बने मैदान में जुट जाती है। जिसे शिव शक्ति स्टेडियम नाम दिया गया है। बीते छह जनवरी से यहां पहली बार महिला क्रिकेट प्रतियोगिता शुरू हुई है। पूरे क्षेत्र में पहली बार महिलाओं के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है तो बीरोंखाल ब्लॉक के दूर दराज गांवों से भी महिलाओं की टीमें इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए खूब जोश में दिख रही है। आलम यह है कि इस प्रतियोगिता में क्षेत्र से महिलाओं की 32 क्रिकेट टीमें हिस्सा ले रही है। पहाड़ी महिलाएं घरों में पहने जाने वाले साधारण वेशभूषा के साथ बल्ला थामें बल्लेबाजी में अपने जौहर दिखा रही है तो दूसरे छोर से गेंदबाजी करती महिला भी बल्लेबाजों के छक्के छुड़ा रही हैं।
पंचराड़ फरसाड़ी गांव में इस अनूठी प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पौड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी पहुंची थी। शायद पूरे राज्य में यह पहला मौका था जब ग्रामीण महिलाओं के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था। पहाड़ों में सर्दियों में जब खेती के काम निपट जाते हैं और खेत खाली रहते हैं तो स्थानीय युवा इन खेतों में कामचलाउ स्टेडियम बनाकर क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं। गांव गांव होने वाली इन प्रतियोगिताओं में सिर्फ युवा ही हिस्सा लेते हैं। पूरी सर्दियों के दौरान गढ़वाल के किसी भी हिस्से से गुजरेंगे तो खेतों में क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए जुटी भीड़ आसानी से दिख जाएगी लेकिन महिलाएं इस खेल से हमेशा ही दूर रही है। लेकिन, बीरोखाल के पंचराड गांव में पहली बार महिलाओं ने गेंद और बल्ले को थामा है।
गांव की कुणजेश्वर क्रीड़ा समिति की ओर से आयोजित की जा रही इस प्रतियोगिता को लेकर क्षेत्र की महिलाओं में इतना उत्साह है कि पूरी 32 टीमें प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है। अमूमन घरों के काम निपटाने के बाद मवेशियों के लिए चारा जुटाने और जलावन लकड़ियां जुटाने में दिन खपाने वाली पहाड़ की महिलाओं के लिए यह आयोजन बेहद खास बन गया है। शनिवार को जब पौड़ी की जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी इस प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पहुंची तो महिलाओं का हुजूम देखकर वह भी खुद को रोक नहीं सकी। बल्लेबाजी में हाथ आजमाने के बाद उत्साहित जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी ने प्रतियोगिता के हर मैच में छक्का लगाने वाली महिला खिलाड़ी को एक हजार रूपए और चौका लगाने वाली महिला खिलाड़ी को पांच सौ रूपए नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।
इस प्रतियोगिता में विजेता टीम को 3100 रूपए का नकद पुरस्कार और उप विजेता टीम को 1500 रूपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। प्रत्येक मैच पांच ओवर का है और इसका फाइनल मैच इसके बाद होने वाले पुरूषों के फाइनल मैच के साथ ही खेला जाएगा। इस अनूठे आयोजन को करवाने वाली समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र रावत कहते हैं कि पहाड़ की महिलाएं घर, जंगल, खेत के काम में इस तरह उलझ गई है कि उन्हें खुद की प्रतिभा दिखाने का न तो मौका मिल रहा है न मंच सो समिति ने पहली बार महिलाओं को क्रिकेट के जरिए उनकी प्रतिभा दिखाने का मंच दिया है। वह कहते हैं कि हाल के सालों में देश में महिला क्रिकेट बहुत लोकप्रिय हुआ है लिहाजा महिलाओं की रूचि भी पुरूषों के वर्चस्व वाले इस खेल में बढ़ी है।