UPDATE : सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों के सब्र का बाधं टूट रहा, कोशिशें जारी
PEN POINT, DEHRADUN: उत्तरकाशी जिले में सिलक्लयारा सुरंग में पिछले 15 दिनों से फंसे 41 मजदूर कब तक पूरी तरह सुरक्षित निकल पाएंगे यह कोई नहीं जानता। ऐसे में इन तमाम लोगों के परिजनों के सब्र का बांध टूटना लाजमी है। शनिवार को सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से उनके अपनों ने बात की। इसके बाद परिजनों ने कहा उन्हें हर दिन यह उम्मीद होती है कि आज सभी को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन रोज यह उम्मीद टूट जाती है।
उनका कहना है कि सही में कब तक हमारे लोग बाहर निकल लाए जाएंगे इसका अभी तक कोई पता नहीं है। कोई बनती राह नजर नहीं आ रही है। मजदूरों के परिजनों का कहना है पिछले तीन दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे हमारे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान अंतिम चरण में बताया जा रहा था, लेकिन अब यह लंबा खिंचता जा रहा है। इससे अब हमारे सब्र का बांध कमजोर पड़ रहा है। सुरंग में फंसे बिहार के रहने वाले वीरेंद्र किसकू की भाभी सुनीता ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से सुन रहे कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने वाला है, आज उन्हें निकाल लिया जाएगा, लेकिन रेस्क्यू पूरा ही नहीं हो रहा है। झारखंड के ग्राम केशोडीह निवासी विश्वजीत कुमार के भाई इंद्रजीत भी सुरंग के बाहर अपने भाई का इंतजार कर रहे हैं।
उत्तरकाशी में जारी रेस्क्यू अभियान में अब बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ समेत कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। ऐसे में सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत कार्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
अंतर्राष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि ऑगर मशीन विफल होने के बाद पाइप से उसे निकालने में तकनीकी कठिनाइयाँ सामने आ रही हैं। हालाँकि इसे काटने की प्रक्रिया आज सुबह बहुत तेजी से चल रही है। प्लाज़्मा कटर आ गए हैं। बचाव कार्य में लगे लोग प्लाज़्मा कटर के साथ एक पाइप में अंदर जा रहे हैं और ऑगर मशीन के फंसे टुकड़ों को काटकर बहार निकाला जा रहा है। पाइप पर एक नज़र डाल देख सकते हैं कि वह किस स्थिति में है। और फिर हम आकलन कर सकते हैं कि आगे क्या होगा।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हैदराबाद से लाई गई प्लाज़्मा मशीन ने सुबह से काम करना शुरू कर दिया है। तेजी से कटाई चल रही है। 14 मीटर और कटना बाकी है। बरमा मशीन को काटकर बाहर लाना है। ऐसा लगता है कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। कुछ ही घंटों में। उसके बाद मैनुअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी।