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विपक्षी एकता को मात देने के लिए भाजपा भी जुटाने लगी पुराने साथियों का मजमा

– विपक्ष के मिलकर लोक सभा चुनाव लड़ने के फैसले के बाद अब भाजपा भी एनडीए के सहयोगियों को जोड़ने की कर रही है कवायद
PEN POINT, DEHRADUN : रविवार सुबह उत्तर प्रदेश में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर एनडीए में शामिल हो गए। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए में फिर से शामिल होने का एलान किया। इससे पहले ओम प्रकाश राजभर जब एनडीए से अलग हुए थे तो भाजपा को लेकर दिए उनके तीखे बयान भी रविवार दिन भर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे लेकिन ओमप्रकाश के पिछले बयानों को किनारे रख भाजपा ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया। बीते दिनों ही लोकजनशक्ति पार्टी के नेता और रामविलास पासवान के बेटे सांसद चिराग पासवान भी एनडीए कुनबे में शामिल हो गए। पिछले कुछ महीनों तक रामविलास पासवान के पुत्र और लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान की भाजपा से दूरी बनी हुई थी, यहां तक भी भाजपा ने उनके पिता को आवंटित बंगला भी जबरन खाली करवाया था जिसकी तस्वीरे मीडिया में खूब वायरल हुई।
बीते महीनों से जबसे कांग्रेस समेत विपक्षी दल एक साथ आकर लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान करने के बाद इस महागठबंधन को लेकर तैयारियां शुरू कर रही है तो अब भाजपा भी 2024 के आम चुनाव के लिए कोई जोखिम लेती नहीं दिख रही है। प्रस्तावित विपक्षी महागठबंधन को मात देने के लिए भाजपा फिर से बिखरे हुए एनडीए कुबने को समेटने में जुट गई है। अब भाजपा 18 जुलाई यानि मंगलवार को एनडीए की बैठक बुलाई है। मंगलवार को होने वाली बैठक में 30 दलों को बुलाया है। भाजपा ने बीते सप्ताह भर में ही छह दलों को एनडीए कुनबे में शामिल किया है। इस बैठक में हाल ही में एनडीए में फिर से शामिल हुए दलों के साथ ही जिन पार्टियों में फूट पड़ने के बाद दो फाड़ हुए हैं उन पार्टियों के नेताओं को भी इस बैठक में बुलाया गया है।
एक ओर जहां विपक्षी दलों ने भी इसी सप्ताह बंगलुरू में बैठक बुलाकर 2024 के महागठबंधन को आकार देने की तैयारियों को आखिरी रूप देने की तैयारियां शुरू की है उसी राह पर चलते हुए भाजपा भी एनडीए को विपक्षी महागठनबंधन की काट के तौर पर तैयार करने पर जुट गया है। हालांकि, भाजपा लाख दावे भले ही कर ले कि नरेंद्र मोदी के चेहरे पर वह 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाएगी लेकिन जिस तरह से विपक्षी दलों ने अपने हितों को किनारे रखकर एक साथ आकर चुनाव लड़ने को लेकर दिलचस्पी दिखाई उससे भाजपा को भी 2024 की यह लड़ाई मुश्किल लगने लगी है।
लिहाजा, बीते दिनों महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी के दो फाड़ से लेकर इन दिनों उत्तर प्रदेश और बिहार में एनडीए के हिस्से रहे लेकिन अब एनडीए से अलग हो चुके दलों को एक साथ लाने के काम में तेजी दिखाई है उससे साफ है कि भाजपा विपक्षी महागठबंधन के सामने कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं दिख रही है।
रविवार को भाजपा की ओर से देश के सभी प्रमुख मीडिया हाउस को एक प्रेस रीलिज जारी कर ओमप्रकाश राजभर की एनडीएम में वापसी समेत उत्तर प्रदेश और बिहार के दलित, ओबीसी नेताओं की भाजपा में वापसी को भाजपा व एनडीए की लोक सभा चुनाव से पहले बड़ी जीत बताया। मीडिया फीड के मुताबिक भाजपा ने विपक्ष की जातिगत जनगणना वाली मांग को लेकर उसमें बिखराव कर दिया है जिसके चलते अब जातिगत जनगणना को लेकर जो दल उत्तर प्रदेश और बिहार में भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते थे वह भाजपा का हिस्सा बन गए हैं।

कांग्रेस ने बदला रूख, अब ‘आप’ भी होगी महागठबंधन का हिस्सा
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने भी बंगलुरू बैठक से पहले आम आदमी पार्टी को लेकर अपने स्टैंड में बड़ा बदलाव लाते हुए रविवार को घोषणा की कि वह आप के साथ केंद्र सरकार के दिल्ली को लेकर लाए अध्यादेश का विरोध करेगी। कांग्रेस के इस समर्थन के बाद अब आम आदमी पार्टी ने भी बंगलुरू में प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का एलान किया है। इससे पहले कांग्रेस आम आदमी पार्टी का अध्यादेश मामले पर समर्थन देने से इंकार कर रही थी, लिहाजा आम आदमी पार्टी ने भी महागठबंधन से दूरी बनाने का एलान किया था लेकिन रविवार को कांग्रेस ने अपना रूख बदलते हुए आम आदमी पार्टी को अध्यादेश विरोध मामले में समर्थन देने का एलान किया।

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