पर्यटन मंत्री के बेटे की चाहत, टिहरी झील में क्रूज बोट संचालन का मिले काम
– पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयश रावत ने टिहरी झील में क्रूज और याट बोट संचालन के लिए किया है आवेदन
Pen Point, Dehradun : लंबे समय के बाद टिहरी झील में पर्यटकों के लिए क्रूज और याट संचालन का ख्वाब झील में उतरता दिख तो रहा है लेकिन मंत्री के पुत्र मोह के कारण यह विवादों में आ गया है। टिहरी झील में पर्यटकों के लिए तमाम आधुनिक सुख सुविधाओं युक्त क्रूज बोट और याट संचालन के लिए टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण की ओर से क्रूज और याट संचालन के लिए जिन लोगों को 6 लोगों प्रस्तुतिकरण के लिए बुलाया है उनमें से एक पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयश रावत भी शामिल हैं तो एक जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी व भाजपा नेता के पति रघुवीर सिंह सजवाण भी शामिल है। गुरूवार को प्राधिकरण का प्रस्तुतिकरण संबंधी खूब वायरल रहा।
टिहरी झील में लंबे समय से क्रूज बोट संचालन और याट संचालन की योजनाएं बनाई जा रही थी। इसी साल टिहरी झील विशेष पर्यटन प्राधिकरण की ओर से आधुनिक सुविधा युक्त 12 कमरे, रेस्टोरेंट, शौचालय युक्त क्रूज तैयार कवाया गया। इस पर करीब साढ़े सात करोड़ रूपए की भारी भरकम रकम भी खर्च की गई। अब इसे निजी क्षेत्र के जरिए झील में संचालित करने की योजना थी। जिसके लिए इसी महीने की शुरूआत में विज्ञापन जारी कर निजी एजेंसियों को आमंत्रित किया गया। उक्त निविदा के बाद छह एजेंसियों ने इसके संचालन में रूचि दिखाई, जिसमें से राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयश रावत, टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष के पति व भाजपा नेता रघुवीर सजवाण समेत छह एजेंसी व निजी व्यक्तियों ने आवेदन किया। जिन्हें बीते दिनों टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण की ओर से 20 पन्नों के प्रस्तुतिकरण के साथ साक्षात्कार के लिए बुलावा भेजा। यह साक्षात्कार 28 अगस्त को जिलाधिकारी टिहरी की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने होना है। गुरूवार को यह पत्र जब इंटरनेट पर वायरल हुआ तो लोगों ने भी राज्य सरकार खासकर पर्यटन मंत्री पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। पर्यटन मंत्री के पुत्र सुयश रावत के आवेदन करने के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि यह सीधी तरह अपने रसूख का प्रभाव दिखाकर इतने महंगे क्रूज और याट के संचालन का काम हड़पने जैसा है। भाकपा नेता इंद्रेश मुखैरी ने इसे हितों के टकराव का मामला बताते हुए कहा कि अपने पिता के पर्यटन विभाग के एक टेंडर को पाने के लिए आवदेन करना सीधा रसूख का इस्तेमाल करना सरीका है। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयश रावत और जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण के पति की ओर से क्रूज संचालन के लिए आवेदन करने के मामले को पूरी तरह से अपने रसूख का बेजा इस्तेमाल करार दे रहे हैं।