SEBI के नए अध्यक्ष तुहिन कांत पांडेय और उनकी चुनौतियां
Pen Point, Dehradun : भारत सरकार ने तुहिन कांत पांडेय को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वे माधबी पुरी बुच का स्थान लेंगे और भारतीय वित्तीय बाजार के नियमन में अहम भूमिका निभाएंगे। गौरतलब है कि माधवी बुच और उनके पति बीते साल काफी चर्चा में रहे थे।
कौन हैं तुहिन कांत पांडेय
तुहिन कांत पांडेय एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। वे 1987 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि अर्थशास्त्र और सार्वजनिक वित्त पर केंद्रित रही है।
व्यावसायिक अनुभव
तुहिन कांत पांडेय ने वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव के रूप में कार्य किया है। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने कई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश और निजीकरण की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संचालित किया। उन्होंने एलआईसी के आईपीओ और एयर इंडिया के निजीकरण जैसे बड़े फैसलों को अमल में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सेबी में उनकी संभावित चुनौतियां
SEBI अध्यक्ष के रूप में तुहिन कांत पांडेय के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ और अवसर होंगे:
- शेयर बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना – खुदरा निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के लिए सेबी के नियमों को और कड़ा करना।
- डिजिटल ट्रेडिंग और फिनटेक कंपनियों को संतुलित नियमन – ऑनलाइन ट्रेडिंग और क्रिप्टो जैसी नई परिसंपत्तियों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों की सुरक्षा।
- संस्थागत निवेशकों के लिए बेहतर नीति निर्माण – विदेशी संस्थागत निवेश (FII) और घरेलू संस्थागत निवेश (DII) को सुगम बनाने के लिए नए नियम लागू करना।
- इनसाइडर ट्रेडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर सख्त निगरानी – शेयर बाजार में किसी भी तरह की धांधली को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना।
हालांकि कहा जा सकता है कि तुहिन कांत पांडेय की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत का शेयर बाजार नई ऊँचाइयों को छू रहा है, लेकिन साथ ही कुछ नियामक चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। उनके व्यापक प्रशासनिक अनुभव और वित्तीय समझ से उम्मीद की जा रही है कि वे भारतीय शेयर बाजार को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और निवेशक हितैषी बनाने में अहम योगदान देंगे।