उत्तराखंड पंचायत चुनाव: प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा बढ़ी, जल्द हो सकती है चुनाव घोषणा
Pen, Point Dehradun: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पंचायती राज एक्ट में संशोधन अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है और अब कभी भी पंचायत चुनाव की घोषणा की जा सकती है। चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने एक अहम फैसला लेते हुए प्रत्याशियों के अधिकतम चुनावी खर्च की सीमा में बढ़ोतरी की है।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल ने जानकारी दी कि साल 2019 में हुए पंचायत चुनावों की तुलना में आगामी चुनावों के लिए कई पदों पर खर्च सीमा में संशोधन किया गया है। हालांकि सदस्य ग्राम पंचायत और उपप्रधान ग्राम पंचायत पद के लिए खर्च की पुरानी सीमा को यथावत रखा गया है।
नई खर्च सीमा इस प्रकार है:
सदस्य ग्राम पंचायत: ₹10,000 (कोई बदलाव नहीं)
उपप्रधान ग्राम पंचायत: ₹15,000 (कोई बदलाव नहीं)
प्रधान ग्राम पंचायत: ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000
सदस्य क्षेत्र पंचायत: ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000
सदस्य जिला पंचायत: ₹1,40,000 से बढ़ाकर ₹2,00,000
कनिष्ठ उपप्रमुख (क्षेत्र पंचायत): ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000
ज्येष्ठ उपप्रमुख (क्षेत्र पंचायत): ₹60,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000
प्रमुख क्षेत्र पंचायत: ₹1,40,000 से बढ़ाकर ₹2,00,000
उपाध्यक्ष जिला पंचायत: ₹2,50,000 से बढ़ाकर ₹3,00,000
अध्यक्ष जिला पंचायत: ₹3,50,000 से बढ़ाकर ₹4,00,000
राज्य निर्वाचन आयोग का मानना है कि महंगाई और चुनावी गतिविधियों में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रत्याशियों की व्यावहारिक जरूरतों के अनुसार खर्च सीमा बढ़ाना आवश्यक था।
सूत्रों की मानें तो अब पंचायती चुनावों की औपचारिक घोषणा जल्द ही हो सकती है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। पंचायत चुनावों में इस बार खर्च सीमा बढ़ने से जहां प्रत्याशियों को कुछ राहत मिलेगी, वहीं निर्वाचन आयोग की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है