सड़क निर्माण में लापरवाही से अजबपुर के घरों में जलभराव, लोग परेशान
Pen Point, Dehradun : देहरादून शहर का अजबपुर खुर्द इलाके में एक कॉलोनी है गणेश विहार। करीब दस दिन पहले कॉलोनी की मेन रोड पर टाइल बिछाने का काम शुरू किया गया। लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश खंड ने इस काम को जिस तरह अंजाम देना शुरू किया उस पर सवाल उठने लगे। दरअसल, सड़क को बिना गहरा किये पुराने डामर के उपर ही टाइलें बिछाई जाने लगी। करीब सत्तर मीटर तक टाइलें बिछने के बाद बारिश ने विभाग की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी। सड़क का लेवल उठने के कारण भारी बारिश के पानी को निकासी की जगह नहीं मिली। लिहाजा आस पास के घरों की ओर पानी का रूख हो गया।
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घरों में भारी जलभराव के चलते लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कमरों में दो से ढाई फुट पानी भरने के कारण लोग अपने सामान को बचाने की जद्ोजहद करते रहे। ऐसे में रात बिताने के लिये उन्हें सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी। वहीं जल भराव के कारण इन लोगों को लाखों रूपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
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सरकारी तंत्र में काम काज को लेकर ये लापरवाही स्थानीय लोगों पर भारी पड़ रही है। जलभराव से प्रभावित रविंद्र रावत के मुताबिक 21 अगस्त की रात भारी बारिश हो रही थी। करीब साढ़े दस बजे अचानक उनके गेट से पानी तेजी से अंदर घुसने लगा। पानी इतना ज्यादा था मानो किसी नदी ने इधर का रूख कर दिया हो, इतने ज्यादा पानी को रोकना संभव नहीं था। देखते ही देखते उनके कमरे और घर पूरी तरह जलमग्न हो गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी बरसातें हुई हैं लेकिन ऐसे हालात कभी नहीं हुए। बाद में पता चला कि सड़क का लेवल उठ जाने के कारण ऐसे हालात पैदा हुए हैं।
प्रभावितों ने लोनिवि को इसकी सूचना दी है। विभागीय की ओर से मौके पर निरीक्षण के लिये एक जेई को भेजा गया।
दूसरी ओर, लोनिवि ऋषिकेश खंड की अधिशासी अभियंता कीर्ति शर्मा के मुताबिक ऐसी सूचना मिली है, और सड़क पर हो रहे काम की पूरी जानकारी लेने के बाद टाइल्स को उखाड़ने के निर्देश दे दिये गए हैं।
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स्थानीय निवासी संजय सेमवाल, जगमोहन रावत, रिंकु उपाध्याय, सोनू, आशाराम, सुबोध नेगी आदि ने बताया कि कुछ साल पहले तक इस सड़क के किनारे नहर थी। लेकिन बाद में यह नहर भूमिगत कर दी गई। जिससे बारिश के पानी की निकासी का रास्ता बंद हो गया। वहीं बारिस के पानी की निकासी के लिये पुख्ता ड्रेनेज सिस्टम भी नहीं बनाया गया। इसे सरकारी तंत्र की अदूरदर्शिता और लापरवाही की कहा जा सकता है। गौरतलब है कि शहर के कई इलाकों में ड्रेजेज सिस्टम नहीं बन सका है, जबकि जहां पहले से ही बारिस के पानी की निकासी का इंतजाम था वहां इन्हें बंद कर दिया गया है।प्रभावितों का कहना है कि स्थानीय पार्षद ने मौके पर आने तक की जहमत नहीं उठाई, इससे लोगों में भारी नाराजगी है।