क्या है फॉर्म 17सी? जिसे चुनाव आयोग सबके साथ साझा नहीं करना चाहता
Pen Point, Dehradun : इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान के बाद फाइनल आंकड़ों में हो रही देरी पर सवाल उठ रहे हैं। अंतिम मतदान प्रतिशत में दस से ग्यारह दिन तक का भी समय लगा है। जिसे देखते हुए एडीआर-ऐसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें मतदान होने के अड़तालीस घंटे के अंदर हर पोलिंग बूथ पर डाले गए वोटों का आंकड़ा जारी किया जाए। इसके साथ साथ ही फार्म 17 सी भी चर्चा में आ गया। याचिका में इस फॉर्म की प्रति चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अललोड करने की मांग भी की गई है।
कब क्या हुआ-
17 मई- सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा.
22 मई- चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामक कि जरिये जवाब दिया
अपने जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि वेबसाइट पर हर मतदान केंद्र के मतदान का आंकड़ा सार्वजनिक करने से चुनाव मशीनरी में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी, ये मशीनरी पहले ही लोकसभा चुनावों के लिए काम कर रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी मतदान प्रतिशत की जानकारी देरी से दिए जाने पर सवाल उठाए थे, अपने हलफनामे में चुनाव आयोग ने ऐसे आरोपों को भी ख़ारिज किया है।
फॉर्म 17 सी को लेकर चुनाव आयोग का मानना है कि पूरी जानकारी देना और फॉर्म 17सी को सार्वजनिक करना वैधानिक फ्रेमवर्क का हिस्सा नहीं है और इससे संबंधित चुनावी क्षेत्र में गड़बड़ी हो सकती है। आयोग ने इन आंकड़ों की तस्वीरों को मॉर्फ़ (छेड़छाड़) किये जाने की भी संभावना जताई है।
क्या है फार्म 17 सी
एक मतदान केंद्र पर कितने वोट डाले गए हैं फॉर्म 17 यही दर्शाता है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर फॉर्म 17सी उपलब्ध है। कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के 49ए और 56सी के तहत चुनाव अधिकारी को फॉर्म17 सी के पार्ट-1 में वोटों की जानकारी भरनी होती है। मतदान समाप्त होने के बाद चुनाव अधिकारी को इस जानकारी को पोलिंग ऐजेंट्स को उपलब्ध कराना होता है।
फॉर्म में इस तरह की जानकारियां भरी जाती हैं-
-ईवीएम का सीरियल नंबर
-मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या
-17-ए के तहत मतदाता रजिस्टर में मतदाताओं की संख्या
-रूल 49-एएम के तहत उन मतदाताओं की संख्या, जिन्हें वोट नहीं देने दिया गया
-वोटिंग मशीन में दर्ज हुए वोटों की संख्या
-बैलेट पेपर्स की संख्या
-छह पोलिंग एजेंट्स के हस्ताक्षर
-चुनाव अधिकारी के हस्ताक्षर
इसके अलावा फॉर्म के दूसरे हिस्से को मतगणना वाले दिन इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या लिखी जाती है।