SP ट्रैफिक के इस पत्र पर क्या जिला प्रशासन ले पायेगा कोई ठोस निर्णय ?
PEN POINT, DEHRADUN : राजधानी कि सडकों पर सुबह दोपहर और शाम को लगने वाले ट्रैफिक जाम रेगुलर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के लिए जी का जंजाल बने हुए है। मुसीबत का कारण यह है कि सड़कें जहाँ की तहा तंग हैं, जबकि यातायात का दबाव रोजाना बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ले दे कर सारा दबाव और जिम्मेदारी पुलिस के कन्धों पर डाल दी जाती है, जो प्रथम दृष्टया उचित नहीं जान पड़ती। ऐसे में सभी विभागों की तरफ से अपनी मुसीबतों को कम करने को लेकर आय दिन बैठकें और एक्शन लेने की बातें सामने आती रहती हैं, लेकिन नतीजा वही फिर ढाक के तीन पात। ऐसे में एसपी ट्रैफिक ने इसके लिए एक रास्ता निकाले की कोशिश की है।
इसके तहत देहरादून की सडकों के याता जाम को कम करने को लेकर सड़क किनारे स्थित शराब की दुकानों के आगे बेतरतीब वाहन लगे रहने से जाम की स्थिति बनी रहती है. शराब लेने वाले अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा कर देते हैं. जिससे जाम की स्थिति बन जाती है। आए दिन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब एसपी ट्रैफिक ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए डीएम को पत्र लिखा है। इसके अलावा स्थायी समाधान की अपील की है। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि ऐसे 15 ठेके चिन्हित किए हैं, जिन्हें हटाने को लेकर डीएम को पत्र लिखा गया है।
एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडें ने बताया कि शराब के ठेकों के कारण शाम के समय हर दुकान के सामने गाड़ियां पार्क रहती हैं। जहां कहीं भी ये दुकानें हैं उनके आसपास के लोगों द्वारा अक्सर पुलिस को शिकायत की जाती है। जिस पर समय-समय पर उचित कार्रवाई भी की जाती है। लेकिन इस बार डीएम को पत्र लिखकर इसके स्थायी समाधान की अपील की।
जिस तरह से प्रदेश सरकार के लिए शराब नीति सबसे बड़े राजस्व वसूली का श्रोत है, ऐसे में देहरादून की तमाम बड़ी बिक्री वाली शराब की दुकानों को मुख्यमार्गों से हटाने का निर्णय लेने के स्थिति में प्रशासन और सरकार है भी कि नहीं। हालाँकि राजधानी की ट्रैफिक व्यव्सथा को दुरुस्त करने को लेकर पुलिस की अपनी मजबूरियां है। लेकिन इस दिशा में ज्यादा होने की गुंजाईश ना के बराबर है। क्योंकि शराब की बिक्री से आने वाली सरकार की आय पर इसका सीधा असर पड़ेगा। ऐसे में एसपी ट्रैफिक की चिट्ठी पर पर कोई निर्णय लेने की हालत में डीएम ऑफिस है या नहीं ये देखने वाली बात होगी।