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… पैसे लेकर सवाल पूछने पर 12वें सांसद की भी जाएगी सदस्यता

– टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर गौतम अदाणी पर सदन में सवाल पूछने का लगा है आरोप, संसद की आचार समिति ने की है सदस्यता रद करने की सिफारिश
– इससे पहले 11 सांसद भी पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने को लेकर हो चुके है निष्कासित, इसमें 6 सांसद रहे हैं भाजपा के
PEN POINT, DEHRADUN : लोकसभा में अपने भाषणों की वजह से चर्चाओं में रहने वाली व तेज तर्रार सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। लोकसभा की आचार समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने का दोषी पाते हुए उनकी सदस्यता रद करने का सुझाव दिया है। इस पर आखिरी फैसला लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को लेना है लेकिन तय माना जा रहा है कि इस मामले में महुआ मोइत्रा अपनी सदस्यता गंवाएंगी। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब सदन में पैसे लेकर सवाल पूछने को लेकर किसी सांसद पर कार्रवाई हो रही है। इससे पहले भी कई सांसदों को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी। अकेले भाजपा के ही छह सांसदों को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था।
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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने लोकसभा में सवाल पूछने के एवज में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे तोहफे लिए थे। लोक सभा की आचार समिति को सौंपे अपने हलफनामे में दर्शन हीरानंदानी ने इस आरोप को स्वीकार किया था कि उन्होंने महुआ मोइत्रा को सवाल पूछने के एवज में पैसे और महंगे तोहफे दिए थे।

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रियल एस्टेट अरबपति निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी ने तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फॉर क्वेरी विवाद में दावा किया कि उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछने के लिए सांसद महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था। करीब महीने भर तक चली जांच के बाद आचार समिति की रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक की गई है कि महुआ मोइत्रा की संसदीय लॉनिग का उपयोग किया गया और सवाल भी कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की ओर से टाइप किए गए। अब आचार समिति ने सांसद मोइत्रा की सदस्यता रद करने का सुझाव दिया है। छह सदस्यों वाली इस समिति में 4 सदस्यों ने सदस्यता रद करने का सुझाव दिया है जबकि 2 सदस्य महुआ मोइत्रा के साथ खड़े हैं। हालांकि, भारतीय संसद में यह पहला मामला नहीं है जब पैसे लेकर माननीय सांसदों ने सवाल पूछे। 2005 में भी एक ऐसे ही मामले से पूरा देश हिल गया था जब एक वीडियो में दिखा कि जनता द्वारा चुने गए सांसद कारोबारी हितों के लिए पैसे लेकर सदन में सवाल पूछते हैं। साल 2005 की घटना में उस वक्त के 11 सांसद हाथ में पैसे लेते दिखे थे। एक निजी चैनल ने 12 दिसंबर 2005 को वीडियो जारी किया था, जिसके बाद सियासी गलियारों में भूचाल आ गया था. इस वीडियो में दावा किया गया था कि इन सांसदों ने सवाल पूछने के बदले पैसे लिए थे। दो पत्रकारों ने तत्कालीन सांसदों के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, जो 12 दिसंबर 2005 को एक निजी समाचार चैनल पर प्रसारित हुआ था। इस वीडियो में संसद में सवाल पूछने के बदले में नकद लेने की बात सामने आई थी। इसे सवाल के बदले नकद घोटाला यानी कैश फॉर क्वेरी स्कैम के नाम से जाना जाता है। इस 2005 के सवाल के बदले नकद घोटाला मामले दिसंबर 2005 में लोकसभा ने 10 सदस्यों को निष्काषित कर दिया था जबकि लोढ़ा को राज्यसभा से हटाया गया था।

इन सांसदों पर था पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप
इस स्टिंग में 11 सांसदों पर पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने का आरोप लगा था। इनमें शामिल थे भाजपा के सांसद वाईजी महाजन, छत्रपाल सिंह लोढ़ा, चंद्र प्रताप सिंह, अन्ना साहेब, एम के पाटिल, प्रदीप गांधी शामिल थे। साथ ही राजद के मनोज कुमार कांग्रेस के राम सेवक सिंह, बसपा से नरेंद्र कुमार कुशवाहा, लालचंद्र कोल और राजा रामपाल शामिल थे। इनमें से 10 लोक सभा सांसदों को निष्कासित कर दिया गया तथा एक राज्यसभा सांसद को हटाया गया था।

यह है महुआ मोइत्रा मामला
सदन में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच कई बार तीखी झड़प होती रही है। दोनों सांसद एक दूसरे पर समय समय पर निशाना साधते रहे। इस बार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 अडानी समूह पर केंद्रित थे। दुबे ने कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को बिगाड़ने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। वहीं, दर्शन हीरानंदानी की ओर से जारी एक हलफनामे में भी लिखा गया था कि महुवा मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘छवि खराब करने और उन्हें असहज करने’ के लिए गौतम अडानी पर निशाना साधा।

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