Valentine’s Day सियासत की तरह तिलस्मी है नेताजी का इश्क!
PEN POINT : बात जब वैलेंटाइन डे की हो तो अपने सियासी लोगों पर भी नजर डालना जरूरी है। भले ही अपने यहां का समाज ऐसा है कि सार्वजनिक और निजी जीवन को सियासतदां एकदम जुदा रखते हैं। फिर भी कहते हैं कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते। भारत के सियासी गलियारे भी इश्क मोहब्बत के कई किस्से लोगों के सामने आ ही गए। यहां किस्से भी सियासत की तरह अजीबागरीब दांव पेंच लिए नजर आते हैं। अटल बिहारी वाजपेई और राजकुमारी कौल की मोहब्बत के बारे में काफी लोग जानते हैं। लेकिन उनका इश्क वो मुकाम नहीं पा सका। यही वजह हे कि अटल जी ताजिंदगी किसी को अपनी शरीके हयात नहीं बना सके। लीजिए आपकी नजर हैं भारतीय सियासत में मोहब्बत के तीन अफसाने-
एनडी तिवारी और उज्ज्वला
हिंदुस्तान की सियासत में बड़ा कद रखने वाले नारायण दत्त तिवारी अपनी रंगीन मिजाजी में भी काफी मशरूफ रहे। उज्ज्वला शर्मा से उनकी मुलाकात 1968 दिल्ली में उनके पिता के घर हुई थी। तब तिवारी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। ये कहानी इतनी अनोखी है कि तिवारी जब वयोवृद्ध हो गए तब लोगों उनकी इस मोहब्बत का रहस्य खुला। जब उज्ज्वला शर्मा के बेटे शेखर ने उन्हें अपना पिता बताया। पूरे बयालीस साल बाद यानी 88 साल की उम्र में उन्होंने कांपती और लटकती देह के साथ उज्जवला शर्मा से शादी की।
मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता
फर्रूखाबाद के एक कारोबारी के साथ 1986 में साधना गुप्ता की शादी हो चुकी थी। लेकिन एक बच्चा होने के बाद दोनों अलग हो गए। फिर साधना ने राजनीति में कदम रखा। जहां मुलायम सिंह यादव से उनकी मुलाकात हुई और नजदीकियां बढ़ती गई। 2003 में पत्नी मालती देवी के निधन के बाद मुलायम सिंह ने साधना को पत्नी का दर्जा दिया। लंबे समय तक यह प्रेम कहानी लोगों से छिपी रही। शुरुआत में केवल अमर सिंह ही इस कहानी का राजदार थे।
दिग्विजय सिंह और अमृता राय
मध्यम प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह विरोधियों पर अक्सर हमलावर रहते हैं। लेकिन उनके इश्क की कहानी ने उनके बयानों से ज्यादा सुर्खियां बटोरी। अपनी पहली पत्नी के निधन के छह महीने बाद ही उन्होंने टीवी एंकर अमृता राय से शादी कर ली थी। भले ही उम्र की सीमाएं तोड़ ये प्रेम प्रसंग पहले से ही चल रहा था। लेकिन पत्नी के देहांत के बाद दिग्विजय सिंह ने रिश्ते को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर लिया।