एक क्लिक पर लोन ! कहीं भारी न पड़ जाए इंस्टेंट लोन लेने का यह तरीका
– देश में 600 से ज्यादा अवैध एप्स के जरिए फटाफट लोन देकर चीनी कंपनियां फंसा रही है अपने मकड़जाल में
– तीन हजार गुना तक ज्यादा ब्याज वसूलने के साथ ही परिजनों का भी करते हैं मानसिक उत्पीड़न
PEN POINT DEHRADUN : एक खबर ने कोरोना काल के दौरान पूरे देश का ध्यान खींचा था। इंदौर के अमित यादव ने पांच चीनी लोन ऐप से करीब तीन लाख रुपए का कर्ज लिया था। वे किश्त नहीं चुका पा रहे थे और लोन ऐप वाले उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। आखिरकार वे इतने परेशान हुए कि अपनी पत्नी और दो बच्चों को जहर दे दिया, इसके बाद खुद फांसी लगा ली। सुसाइड नोट में अमित ने अपने परिवार के लिए लिखा कि मरने के बाद लोन चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए आप लोग लोन जमा मत करना। मेरे भाई और मां को परेशान न किया जाए। अमित ने लिखा कि वे अभी और जीना चाहते थे, लेकिन उन्होंने गलती की और अब और नहीं जी सकते। आखिर में चार अर्थियों के साथ अमित का परिवार उजड़ गया।
इस घटना के बाद ऐसी खबरों की मानों बाढ़ आ गई। पूरे देश में फर्जी लोन ऐप के जरिए ब्लैकमेलिंग, लूट, प्रताड़ना और क्रूरता का जो खेल सामने आए उसने इस मकड़जाल का क्रूर खेल सामने ला दिया। सोशल मीडिया के जरिए एप पर एक क्लिक कर लोन देने वाले ऐसे एप्स की बाजार में बाढ़ आ गई है। पिछले दो सालों में ऐसे लोन ऐप की संख्या तकरीबन 1200 हो चुकी है और इनमें से आधे यानी 600 अवैध हैं। एक अनुमान के मुताबिक कि चीनी लोन ऐप के जाल में फंसकर अब तक देश में 52 लोग आत्महत्या कर चुके हैं।
पिछले साल जब कोरोना संकट के चलते पूरे देश भर में लॉक डाउन की स्थिति धीरे धीरे हटने लगी थी तो शायद ही कोई दिन बीता हो जब अखबारों, मीडिया में लोन एप से लिए लोन के भुगतान के दबाव में आत्महत्याओं की खबरें आपकी नजरों के सामने न गुजरी हो। कोरोना संकट काल में काम धंधे ठप होने, नौकरियां खत्म होने, आर्थिक संकट पैदा होने के बाद लोग ऑनलाइन लोन देने वाली एप के जाल में फंसे और कई बार इसकी कीमत अपनी जान देकर गंवानी पड़ी। इंटरनेट पर बिना किसी कागजी कार्रवाई के त्वरित लोन देने का वायदा करने वाली फर्जी लोन एप का मकड़जाल में फंसना आपकी जिंदगी पर तो भारी पड़ ही सकता है साथ ही यह देश की आर्थिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इन फर्जी लोन एप के जरिए भारी रकम देश के बाहर भेजी जाती रही है। खुद रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया ने माना है कि देश भर में 600 के करीब फेक लोन एप कंपनियां सक्रिय है।
पिछले साल कोरोना काल की वजह से हुए लॉकडाउन, जॉब से छंटनी और सैलरी कट ने लोगों के सामने आर्थिक संकट ला दिया था। इसका फायदा उठाते हुए कई चीनी कंपनियों और भारतीय कंपनियों ने इंडिया में फर्जी तरीके से लोन देने का जाल बिछाना शुरू कर दिया था। इस जाल में हजारों लोग फंसे। ऐप की रिकवरी से परेशान होकर कई लोगों ने अपनी जान भी दी। लगातार बढ़ते मामलों ने आरबीआई के लिए चिंता पैदा कर दी तो गूगल के साथ मिलकर ऐसे कई एप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटाया भी गया। कई हजारों करोड़ रूपये आरबीआई की ओर से फ्रीज भी किए गए लेकिन बाजार में फर्जी लोन ऐप का यह मकड़जाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आरबीआई के अनुसार, भारत में इस समय करीब 600 फर्जी लोन ऐप चल रहे हैं।
देश में मोबाइल ऐप से फटाफट लोन के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का चीनी रैकेट सक्रिय है। 1000 से ज्यादा ऐप के जरिए इकट्ठा की गई रकम में से 2 लाख करोड़ रुपए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन पहुंच चुके हैं। देश में मनी लॉन्ड्रिंग का यह संभवतः सबसे बड़ा मामला है। जांच एजेंसियों के अनुसार यह आंकड़ा शुरुआती है। असल राशि कई गुना हो सकती है।
हाल ही में महाराष्ट्र पुलिस ने भी फर्जी लोन ऐप के जरिए 350 करोड़ की ठगी का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में भी कहा गया है कि इस राष्ट्रीय ठगी का असली मास्टरमाइंड चीन है और इस रैकेट में कुछ भारतीय भी शामिल हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने कैश फावरी नाम के एक ऐप की जांच कर बताया है कि सिर्फ इसी ऐप से 130 करोड़ की ठगी हो चुकी है।
इस तरह फंसाते हैं जाल में
अक्सर आपने सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के रूप में देखा होगा कि कोई लोन एप आपको बिना किसी ज्यादा कागजी कार्रवाई के लोन देने का ऑफर देती है। उसके लिए आपको ऐप डाउनलोड कर कुछ जानकारियां साझा करनी होती है। इस तरह के ऐप आपको 5 से 7 मिनट में सिर्फ आधार कार्ड व पैन कार्ड से ही लोन ऑफर करते हैं। एक बार जब आप अपने डॉक्युमेंट्स को इनके ऐप पर अपलोड कर देते हैं, तो ये आपको 7 दिन के लिए 3000 से 5000 रुपये तक का लोन ऑफर करते हैं। आप जैसे ही आगे बढ़ेंगे तो प्रोसेसिंग फीस व अन्य चार्ज के नाम पर ये करीब 1000 से 1500 रुपये काट लेते हैं। 7 दिन बाद आपको पूरी रकम का भुगतान करना होता है. इस तरह के ऐप पर भुगतान के दौरान ऐरर आ जाता है। आपके खाते से पैसे कट जाते हैं, लेकिन ऐप पर पेमेंट लंबित बताता है क्योंकि यह पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित हो रहा है लिहाजा आप इसकी शिकायत भी इसके कस्टमेयर केयर से नहीं कर सकते। वहीं दूसरी तरफ ये ऐप आप पर रोजाना 100 से 150 रुपये की पेनल्टी लगाते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
हमेशा कोशिश करें कि कितनी भी रूपये की जरूरत पड़े किसी भी ऑनलाइन ऐप से लोन लेने से बचे। क्योंकि, इनकी भुगतान प्रणाली खराब होती है और यह आपके संपर्कों तक पहुंच बनाकर आपके साथ उन्हें भी परेशान करते हैं। अगर वित्तीय संकट में ऋण की आवश्यकता पड़े तो ऐसे ऐप या संस्था से लोन लें जो भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा वित्तीय लेनदेन के लिए मान्य हो। किसी भी एप को डाउनलोड करते हुए उसे अपने कान्टेक्ट, मीडिया, तक एक्सेस को अलाउ न करें।
इस जाल का मूल आधार है गरीबी और बेरोजगारी। ये चीनी ऐप आकर्षक ऑफर देकर लोगों को फंसाते हैं। जरूरतमंद लोग इनसे लोन लेने की लालच में पड़ जाते हैं। ये ऐप लोगों को लोन देते हैं और फिर शुरू होता है ठगी और ब्लैकमेलिंग का खेल। लोन लेने वाले की ज्ञल्ब् के दौरान ही उसके फोन का सारा डेटा इन ऐप के जरिए ठगों तक पहुंच जाता है।