तो सक्रिय राजनीति मेें नहीं जाएंगे बॉबी पंवार, युवाओं के लिये लड़ते रहेंगे
PEN POINT : बेरोजगार युवाओं की आवाज बन चुके बॉबी पंवार सक्रिय राजनीति में नहीं जाएंगे। यह बात उन्होंने मसूरी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वह किसी पार्टी पॉलिटिक्स में नहीं हैं, ना उनको किसी पार्टी की जरूरत है। वह युवाओं और अपने विचारों की लड़ाई लड़ रहे हैं और यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। बॉबी ने कहा कि जिस सपनों का उत्तराखंड शाहिद और आंदोलनकारियों ने देखा था उसे सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए वह काम कर लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। बॉबी पंवार ने कहा कि वह किसी सक्रिय राजनीति में नहीं आ रहे हैं उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तो और विपक्ष हमारी बात नहीं उठाएगी और तो वह अपनी क्षमता अनुसार उनका जवाब दिया जाएगा उनका विरोध किया जाएगा चाहे वह चुनाव में देना पड़े।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार मसूरी पहुंचे थे। इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए बॉबी पवार ने कहा कि उनका संगठन लगातार नकल विरोधी और पेपर लीक मामले को लेकर काम कर रहा है। संगठन की तरफ से युवाओं की आवाज बनकर प्रदेश सरकार को लगातार जगाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें सरकार से पेपर लीक मामले की कांग्रेस और भाजपा शासन में हुए भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नही है। उन्होंने कहा कि क्योकि सरकार के कई अधिकारी और सफेदपोश पेपर लीक माफियाओं से मिले हुए हैं और वह नही चाहते कि पेपर लीक माफिया पकड़े जाएं।
उन्होने कहा कि उनका सक्रिय राजनीति में जाने का कोई विचार नही है वह युवा की लडाई लडते रहेगे जिससे प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरिक्षत हो सके। बॉबी ने कहा उनकी लड़ाई प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने की है। इस युवा ने एक बार फिर दोहराया कि भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता लाई जाए, जिसकी लड़ाई वह लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बड़े परीक्षा माफिया पर गैंगस्टर लगा हुआ था जिन्होंने एक नहीं कई पेपरों को लीक कराया लेकिन सरकार की तरफ से कोर्ट में हल्की पैरवी किये जाने से वह जेल से बाहर निकल आए हैं।
बॉबी ने बड़ा आरोप लगते हुए कहा कि क्योंकि सरकार खुद चाहती है कि पेपर लीक माफिया जेल से बाहर आएं और चुनाव के लिए पैसे इकट्ठा करने का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच इसलिए जरूरी है क्योकि उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने ही भर्ती घोटाले का खुलाशा किया था। जिसकी जांच एसआईटी और एसटीएफ से कराई गयी। लेकिन पेपर लीक मामला सचिवालय से लेकर विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास तक फैला हुआ है।
उन्होंने कहा जहां पर बड़े अधिकारी और नेता पेपर लिक मामले से जुडे हुए है ऐसे में एसआईटी और एसटीएफ इन लोगो को नहीं पकड पायेगी इसलिये इस मामले की सीबीआई जरूरी है। उन्होंने कहा कि अधीनस्थ आयोग सेवा चयन में कुछ हद तक मशीनरी ठीक हुई है परंतु लोक सेवा आयोग में गोपन और अतिगोपन के अधिकारी तक पकड़े गए परन्तु जांच नहीं हुई है । उन्होंने कहा की भर्ती घोटाला चाहे कांग्रेस के कार्यकाल में हुए हो चाहे भाजपा के शासन के सब की सीबीआई जांच होने चाहिये।
बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष ने साफ़ किया कि पुष्कर सिंह धामी के सरकार नकल विरोधी कानून लेकर आई लेकिन वह कमजोर कानून है। अभी भी पेपर लीक माफिया कानून की गिरफत से बाहर हैं। कहा कि सरकार की कोर्ट में कमजोर पैरवी से उत्तर प्रदेश से जुड़े मूसा जैसे माफिया बाहर आ चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नकल विरोधी कानून के तहत अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जो गलत है। मुख्यमंत्री कह कुछ रहे हैं और धरातल पर कुछ और चल रहा है।