तस्वीरों में देखिए भारत तिब्बत के समृद्ध व्यापार का इतिहास
PEN POINT, DEHRADUN : दुनिया की छत कहे जाने वाले तिब्बत से भारत का पुराना व्यापारिक रिश्ता रहा है। दुर्गम हिमालयी दर्रो को पार कर उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर के व्यापारी तिब्बत तक पहुंचते थे। सोना, हिमालय नमक, बोराक्स समेत हिमालयी जानवरों के अंगों का व्यापार करने वाले तिब्बत के व्यापारियों से भारत से जाने वाले व्यापारी सामान खरीदकर इसे देश भर तक पहुंचाते थे। समुद्रतल से 10 हजार फीट से भी अधिक उंचाई वाले खतरनाक दर्रो को पार कर भारतीय मूल के व्यापारियों के हर तिब्बत के बाजारों तक पहुंचाना आसान नहीं था लिहाजा इस व्यापार पर उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर के तिब्बत समान उंचाई पर रहने वाले भोटिया, जाड समुदाय से संबंध रखने वाले व्यापारियों की पकड़ मजबूत होती रही। पिथौरागढ़ के लिपुलेख दर्रे से, चमोली के नीति पास, माणा पास से और उत्तरकाशी के नेलांग पास से हर साल सीमांत व्यापारियों का झुंड तमाम दुश्वारियां झेलकर, हिमालयी बियावान पार कर तिब्बत पहुंचता था इस दौरान इन व्यापारियों के पास तिब्बत पहुंचाने के लिए खाद्यान होता था जिसके बदले यह तिब्बत की मंडियों में मिलने वाला सामान वापिस लाकर भारत में बेचते थे।
इन तस्वीरों में देखिए 40-50 के दशक में होने वाले भारत तिब्बत व्यापार की झलक –
तस्वीरें – स्वामी प्रणवानंद लिखित कैलाश मानसरोवर किताब से।