सुनामी बन गयी थी इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी
PEN POINT, DEHRADUN : बीती सदी की तीसरी और इस सदी के शुरूआती दशक में ही अब तक सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा ने सबसे ज्यादा लोगों की जाने ली थी. यह घटना आज से ठीक 19 साल पहले घटी थी. इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा 26 दिसंबर 2004 में आज ही की तारिख में इंडोनेशिया में रिक्टर पैमाने पर 9.1 तीव्रता के भूकंप के बाद समुद्र के भीतर सुनामी #TSUNAMI की लहरें उठीं. जिसने भारत सहित 14 देशों में भरी तबाही मचाई थी। इस प्राकृतिक तबाही में 2 लाख 25 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवांई।
हिंद महासागर के भूकंप और सुनामी उठी और इसने इस महासागर से सटे एक दर्जन से अधिक देशों में भारी तबाही मचा दी थी। उत्तरी सुमात्रा, इंडोनेशिया के पश्चिमी तट से यह सुनामी उठी थी। यह एक अस्थिर मेगाथ्रस भूकंप था जिसकी तीव्रता 9.1–9.3 मेगावॉट दर्ज की गयी। वैज्ञानिक रिपोर्ट इस भूकंप को बर्मा प्लेट और भारतीय प्लेट के बीच खराबी के कारण पैदा हुआ मानती है। यह भूकंप बीती सदी की तीसरी सबसे बड़ी घटना के रूप में दर्ज किया गया। वहीं 21 वीं सदी इसे सबसे घटना के तौर पर मना जाता है।
हिंद महासागर के से सटे हुए तटों पर बेस देशों में रहने वाले मानव समुदाय को इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ा। इस घटना में करीब सवा दो लाख लोग मौत के गाल में समा गए थे। यही कारन है कि यह रिकॉर्डेड इतिहास में सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक बन गया। इस क्षेत्र के आस-पास के देशों इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत और थाईलैंड में जान माल का नुक्सान उठाना पड़ा।
इस सुनामी में समुदरा में उठी उग्र भीषण लहरों का पानी रात के अंधेरे में तटीय इलाकों में बसे रिहायशी क्षेत्रों में घुस गया। उस समय तक ऐसी कोई टेक्नीक नहीं थी, जिससे सुनामी के बारे में पहले से बताया जा सके। यही वजह थी कि कितनी तबाही हो सकती है, किसी को इसका अंदाजा नहीं था।
थाइलैंड और अन्य देशों में समुद्र किनारे बने होटलों और रिजॉर्ट में बड़ी संख्या में ठहरे विदेशी पर्यटकों की जान सुनामी ने ले ली। भूकंप और सुनामी से इतनी तबाही पिछले 40 साल में विश्व ने नहीं देखी थी।