उत्तराखंड में मकर सक्रांति पर श्रद्धालु लगा रहे गंगा और सरज्यू में आस्था की डुबकी
PEN POINT, HARIDWAR/BAGESHWAR: मकर संक्रांति के मौके पर उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा और बागेश्वर में सर्ज्यू नदी में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने के अवसर पर मनाया जाता है। में मकर संक्रांति स्नान पर कड़कड़ाती ठंड में श्रद्धालु स्नान कर माँ गंगा और माँ सर्ज्यू से मोक्ष की कामना कर रहे हैं। मकर सक्रांति पर पवित्र और पूजनीय गंगा और सर्ज्यू में स्नान और दान पुण्य करने का खास महत्व है। यहाँ आज स्नान करने से मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।
हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। मकर संक्रांति गंगा स्नान को लेकर पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इसके लिए हरिद्वार में हर की पौढ़ी सहित सभी घाटों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। सी ओ सिटी हरिद्वार जूही मनराल बताया कि सुरक्षा व्यवस्था की को देखते हुए मेला क्षेत्र को में 7 जोन और 17 सेक्टर में बांटा गया है.
ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहे उसके लिए ट्रैफिक डायवर्सन प्लान भी लागू किए गए हैं ,उत्तराखंड में मकर संक्रांति पर्व पर कड़ाके की सर्दी के बावजूद हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. लोगों की आस्था के आगे सर्दी भी उनका कुछ नहीं कर पा रही है और आस्था सर्दी पर भारी पड़ रही है. तीर्थ पुरोहित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन पवित्र गंगा में स्नान कर दान पुण्य करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य अर्जित होता है,साथ ही आज के दिन दान का विशेष महत्व होता है आज के दिन गंगा में स्नान के बाद पितरो के निमित सूर्य भगवान को जल देने से पित्र शांत रहते है। साथ ही ट्रफिक व्यवस्था को भी डायवर्ट किया गया है।
उत्तराखंड में हरिद्वार और बागेश्वर में मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर बागेश्वर के सरज्यू-गोमती संगम घाट पर श्रद्धालुओ ने आस्था की डुबकी लगाई। बता दें कि बागेश्वर में मकर संक्रांति के साथ उत्तरायणी मेले का 6 दिवसीय आयोजन किया जाता है। शंकर गिरी, महन्त जूना अखाड़ा बागेश्वर अल्मोड़ा से यहाँ स्नान को पहुंचे श्रद्धालु अमित उप्रेती ने बताया कि प्रसिद्ध बाबा बागनाथ के मन्दिर में पूजा-अर्चना और यहाँ संगम पर स्नान के लिए आए हैं.
बागेश्वर को कुमाऊँ की काशी भी कहा जाता है। दूर-दूर से भक्त बाबा बागनाथ के दर्शन करने के लिये आते हैं। महन्त जूना अखाड़ा बागेश्वर के शंकर गिरी ने बताया कि सरज्यू-गोमती घाट में मकर संक्रान्ति के दौरान तीन दिन तक आस्था की डुबकी लगाने की परम्परा है।
इस स्नान को तिरमाघी के रुप में जाना जाता है। मकर संक्रान्ति को कुमाऊं में लोकपर्व घुघुतिया त्यार (त्योहार) के रूप में भी मनाया जाता है।