आज ये अंतर्राष्ट्रीय दिवस है, दुनिया में बढ़ता स्वेटपैंट का क्रेज
PEN POINT, DEHRADUN : आज अंतर्राष्ट्रीय स्वेटपैंट दिवस है। कपड़े, जूते और खेल उपकरण बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी ले कॉक स्पोर्टिफ ने इस दिन की शुरुआत की। क्यों इसी 21 जनवरी 1882 तारीख को इस कम्पनी की स्थान्पना हुई। कम्पनी के संस्थापक एमिल कैमुसेट ने करीब दो दशक बाद 1920 में एथलीटों के लिए स्वेटपैंट डिजाइन किया। ये स्वेटपैंट बिना तामझाम के ग्रे जर्सी पैंट के साथ बने थे।
इसके बाद 1926 में, अमेरिकी कपड़ा निर्माता रसेल एथलेटिक ने ऊनी जर्सी को नरम, आरामदायक कपास से बदलकर स्वेटपैंट की सामग्री को फिर से एक नया आविष्कार कर सामने रखा। इसके एक दशक बाद तो इस स्चाटार्टअप के बाद एक के बाद एक कई अमेरिकी कपड़ा निर्माता, चैंपियन ने सिकुड़न-रोधी और गर्मी-से रहत देने वाले कपड़ों के डिज़ाइन बाजार में उतारे। 1952 तक आते-आते चैंपियन ने अपनी विख्यात रिवर्स वीव स्वेटपैंट कपड़ों की एक लम्लाबी फेहरिस्त बाजार में उतारी।
1950 के दशक में स्वेटपैंट नहीं उतारे गए, न ही इसे सम्मानजनक ड्रेसिंग के रूप में स्वीकार किया गया। इसका उपयोग अधिकतर जिम और कॉलेज परिसरों में चलन में रहा। जबकि स्वेटपैंट स्वेटशर्ट के साथ बेचे जा रहे थे। यह इसलिए हुआ क्योंकि इन स्वेटशर्ट पर कॉलेजों या विश्वविद्यालयों का नाम लिखा होता था। ऐसे में यह एक ड्रेस कोड की तरह छवि लिए हुए था। ऐसे में इसे जन सामान्य को अपनाना मुश्किल था।
1960 और 1970 के दशक के साथ स्वेटपैंट की तरफ लोगों का रुझान बढ़ने लगा। इसके पीछे की वजह थी कि इस तरह के कपडे बनाने वाली कंपनियां एथलीट की तरफ ध्यान केन्द्रित करें लगी। ऐसे में एथलेटिक इमेज के साथ स्वेटपैंट और स्वेटशर्ट एक विशेष पोशाक के तौर पर सामने आने लगी। 1980 के दशक में, पसीने को हिप-हॉप कल्नेचर ने भी अपनाना शुरू कर दिया। रैप स्टार्स ने अपने कपड़ों इस खास कपड़े को हिस्सा बना लिया इस तरह ये लगातार समाज के बाकी के हिस्सों में चलन में स्वीकार किया जाने लगा।
लेकिन आज सोशल मीडिया ने इस एथलेटिक पहनावे को वाकई नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। क्योंकि ये कपड़े क्लासिक लुक, फिटनेस, कैज़ुअलनेस और बेहद कूल रवैये वाली इमेज के साथ जुड़ गया है। इन कपड़ों की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। इन कपड़ों की फैशन डिजाइनर नए नए डिजाइन लेकर आ रहे हैं।
स्वेटपैंट की अच्छी आरामदायकता की सराहना करने के लिए इसे हर साल 21 जनवरी को मनाया जाता है। इस ड्रेस का क्रेज लगातार बढ़ता जा रह है। ये अब हर उम्र के वर्ग को लेकर तैयार किये जा रहे हैं।