राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की तारीखें घोषित, बर्फबारी और स्नो गनों पर टिका विंटर गेम्स का भविष्य
पेन पोइंट, जोशीमठ/औली : उत्तराखंड की विंटर डेस्टिनेशन औली की मेजबानी में होने वाले राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की नई तारीखें घोषित कर दी गयी हैं। स्की एंड स्नो बोर्ड एसोशिएसन उत्तराखंड इन तारीखों का ऐलान किया है जिसमें इवेंट्स शेड्यूल, आगामी 24 फरवरी से 26 फरवरी तक औली की नन्दादेवी इंटरनेशनल स्की स्लोप पर होंगी। नेशनल अल्पाईन स्की एंड स्नो बोर्ड चैंपियनशिप आयोजित,23 फरवरी को सभी राज्यो की टीमें जीएमवीएन स्की रिजॉर्ट औली में रिपोर्ट देंगे, इस बार इन विंटर गेम्स का दारोमदार बर्फ की उपलब्धता पर निर्भर होगा।
बारिश और बर्फवारी के बाद पहाड़ों में खुशगवार हुआ मौसम
उत्तराखंड सरकार की ओर से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की हिम क्रीडा स्थली औली में विंटर गेम्स कराने की पहल तभी रंग ला सकेगी जब औली में बर्फबारी वक्त पर होगी अगर फिर से स्लोप पर बर्फ की कमी हुई, तो आयोजकों सहित विभिन्न राज्यों के एथलीटों की निगाहें औली की ढलानों में लगी 7 करोड़ की लागत के आर्टिफिशियल स्नो मेकिंग सिस्टम पर टिकी रहेंगी, कि ये स्नो गन मशीनें इस बार जरूर नन्दा देवी स्लोप को कृत्रिम बर्फ से लक दक कर सकेंगी कि नहीं। क्युकी स्लोप पर फ़िलहाल बर्फ की मात्रा बहुत कम है। ऐसे में नेशनल विंटर गेम्स से पहले प्राकृतिक बर्फबारी होना बेहद जरूरी है। क्योंकि बिना बर्फबारी के औली विंटर गेम्स संभव नहीं है। लिहाजा आयोजन समिति का अब पूरा दारोमदार जीएमवीएन की इन यूरोपीय आर्टिफिशियल स्नो मेकिंग मशीनों से बर्फ बनाकर शीतकालीन खेल सम्पन्न कराना है। बर्फ की उपलब्धता पर ही इन खेलों का भविष्य टिका हुआ है।
वाम और दक्षिण के टकराव का केंद्र क्यों बन रहा जोशीमठ ?
हालांकि नेशनल विंटर गेम्स आयोजन समिति ने और राज्य शीतकालीन खेल संघ द्वारा जोशीमठ भू धंसाव आपदा को लेकर साफ निर्देश जारी कर दिया है कि प्रशासन द्वारा स्थानीय होटलों को राहत शिविरों में तब्दील करने के चलते इस बार औली और लोअर औली जोशीमठ में एथलीटों ओर टीम ऑफिशियल हेतु आवासीय व्यवस्थाएं सीमित संख्या में रहेगी,लिहाजा सभी राज्यो की टीमें आयोजन समिति द्वारा जारी निर्देशों के तहत ही सीमित एथलीटों ओर ऑफिसियल के साथ प्रतिभाग करें, अब देखना होगा कि औली में प्रकृति मेहरबान हो और राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों से पूर्व प्राकृतिक बर्फबारी हो जाय या फिर 7 करोड़ के जंबो बजट से खरीदी गई विदेशी आर्टिफिशियल स्नो मेकिंग मशीनें मेहरबान हो जाय और स्लोप पर आर्टिफिशियल बर्फ बन जाय यदि ये दोनों चीजें समय पर नही होगी तो ये औली का दुर्भाग्य होगा कि ये पांचवीं बार औली की मेजबानी में नेशनल विंटर गेम्स बर्फ की कमी के चलते कैंसल होंगे,फिलहाल आयोजन समिति प्रकृति और आर्टिफिशियल स्नो मेकिंग सिस्टम के भरोसे ही सही नेशनल विंटर गेम्स की अग्रिम तैयारियों में जुटी हुई है,