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अग्निवीर योजना : विरोध और समर्थन के लिए उत्तराखंड क्यों हो गया खास ?

-कांग्रेस नेता राहुल गांधी सेना में अग्निवीर योजना के विरोध में देहरादून में निकालने वाले हैं यात्रा, अग्निवीर योजना को कांग्रेस बता रही है युवाओं के साथ धोखा
– वहीं, कांग्रेस की इस यात्रा को लेकर भाजपा भी हमलावर, शौर्य डोभाल और कर्नल अजय कोठियाल को मैदान में उतारकर गिना रहे अग्निवीर योजना के फायदे  
PEN POINT, DEHRADUN : कांग्रेस राज्य में न्याय यात्रा निकालने जा रही है। जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे। दस दिनों तक यात्रा के दौरान राहुल गांधी अग्निवीर योजना के विरोध में युवाओं और लोगों से संवाद स्थापित करेंगे। इस घोषणा के बाद ही भाजपा भी कांग्रेस और राहुल गांधी की इस प्रस्तावित योजना पर हमलावर हो गई। भाजपा ने अग्निवीर योजना की खूबियां गिनाने के लिए शौर्य डोभाल और कर्नल अजय कोठियाल को मैदान में उतार दिया। एक ओर जहां कांग्रेस अग्निवीर योजना को युवाओं के साथ ही देश के साथ धोखा करार दे रही है तो भाजपा इस योजना को सेना को सशक्त बनाने के साथ ही युवाओं को रोजगार के ज्यादा अवसर प्रदान करने वाली योजना करार दे रही है। असल में उत्तराखंड में अग्निवीर योजना के विरोध और समर्थन के पीछे राज्य की बड़ी आबादी का सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा होना है। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में करीब दो से ढाई लाख परिवार सीधे तौर पर सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। जबकि करीब तीन लाख से अधिक युवा सेना की तैयारियों में जुटे हैं। ऐसे में अग्निवीर योजना का असर राज्य में पांच लाख से अधिक परिवारों को प्रभावित करने वाली योजना है। लिहाजा, कांग्रेस इस योजना से अवसरों में कटौती को आधार बनाकर लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा इसे बेहतर अवसर बताने के लिए मैदान में उतर गई है। अग्निवीर योजना के बाद सैन्य पृष्ठभूमि के परिवारों के साथ ही युवाओं में भी खासा रोष है। तो एक ओर जहां कांग्रेस इस रोष को 2024 के लोक सभा चुनाव में वोटों में तब्दील करना चाहती है तो वहीं भाजपा इस वोट बैंक को खिसकने का जोखिम नहीं ले सकता है।
आबादी के लिहाज से देश में छोटे राज्यों में शुमार हिमालयी राज्य उत्‍तराखंड सेना में हिस्सेदारी के मामले में देश के कई बड़े राज्यों से अव्वल है। देश की तीनों सेनाओं में उत्तराखंड के करीब 70 हजार से अधिक अफसर और सैनिक तैनात है जबकि राज्य में करीब 1 लाख 80 हजार से भी ज्यादा पूर्व सैनिक और सैनिक विधवाओं की संख्या है। ऐसे में बीते साल जब केंद्र सरकार सेना में अग्निवीर योजना को लागू किया था तो इसका सबसे बड़ा असर राज्य में देखने को मिला। राज्य में युवाओं के लिए सेना देश भक्ति के साथ ही सरकारी नियमित रोजगार का सबसे बड़ा विकल्प है। लिहाजा अग्निवीर योजना देश सेवा के साथ ही एक स्थाई रोजगार पाने का सपना देख रहे युवाओं के लिए किसी झटके से कम नहीं था। योजना के तहत पांच साल की अस्थाई नौकरी के साथ ही बिना पेंशन व सामाजिक सुरक्षा के रिटायरमेंट दिया जाएगा। देश को बड़ी तादाद में सैनिक देने वाले उत्‍तराखंड के युवाओं को इससे नुकसान माना जा रहा है। हालांकि, भाजपा सरकार राज्य में युवाओं के किसी बड़े विरोध प्रदर्शन को होने से रोकने में सफल रही है। अग्निवीर योजना के लागू होने के कुछ दिनों तक ही गिने चुने इलाकों में ही युवा सड़क पर उतरे।

लेकिन, कांग्रेस अब राज्य में अग्निवीर योजना से युवाओं के सपनों के साथ हुए धोखे को आवाज देने की योजना बनाने लगी है। इसी के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी देहरादून आकर अग्निवीर योजना के विरोध में यात्रा निकालेंगे। इस प्रस्तावित यात्रा की घोषणा के बाद ही भाजपा ने भी शौर्य डोभाल और कर्नल अजय कोठियाल को मैदान में उतारा है।

शौर्य डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र हैं और इंडिया फाउंडेशन नाम के थिंक टैंक से जुड़े हैं। शौर्य डोभाल का नाम 2019 में गढ़वाल संसदीय सीट से प्रत्याशी के तौर पर उभरा था। शौर्य डोभाल बीते सालों से उत्तराखंड में सक्रियता बनाए हुए हैं। राहुल गांधी की इस प्रत्याशित यात्रा को लेकर शौर्य डोभाल ने राहुल गांधी व कांग्रेस पर खूब हमला बोला। बकौल शौर्य डोभाल कांग्रेस ने सेना को कमजोर करने का काम किया है ऐसे में जब अग्निवीर योजना के तहत सेना को मजबूत करने का मौका मिला है तो कांग्रेस अब युवाओं को बरगलाने का काम कर रही है। वहीं, भाजपा नेता और पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल अजय कोठियाल भी कांग्रेस व राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रहे। कर्नल कोठियाल ने भी अग्निवीर योजना को युवाओं के हित में बताया और कहा कि पांच साल में एक अच्छी खासी रकम लेकर रिटायर होने वाले युवा स्वरोजगार के लिए इस धनराशि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

जानते हैं उत्तराखंड की सैन्य पृष्ठभूमि को
उत्तराखंड राज्य से सेना के तीनों अंगों में अफसरों समेत 70 हजार के करीब लोग हैं तैनात हैं। जबकि पूर्व सैनिकों और सैनिक विधवाओं की संख्या 1.80 लाख के करीब है। भारतीय थल सेना में 101969 अफसरों में से उत्तराखंड राज्य के 6770 अफसर हैं जबकि 1052633 जवानों में से उत्तराखंड के 53996 जवान हैं। वहीं वायु सेना में तैनात 11779 अफसरों में से 608 उत्तराखंड के हैं जबकि 129202 एयरमेन में से उत्तराखंड के 5436 एयरमेन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। तो जल सेना में तैनात 10114 अफसरों में से 367 अफसर उत्तराखंड से हैं जबकि 58140 सेलर में से 1663 सेलर उत्तराखंड से हैं।

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