सांसद रिपोर्ट कार्ड : संसद में सबसे ज्यादा खामोश रहे अजय टम्टा, माला राज्यलक्ष्मी ने पूछे सबसे ज्यादा सवाल
– राज्य के पांचों सांसदों में सबसे ज्यादा सवाल पूछे टिहरी संसदीय सीट से सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने, अजय टम्टा और निशंक ने पूछे सबसे कम सवाल
Pen Point, Dehradun : लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा ने राज्य की पांच में से तीन संसदीय सीटों पर मौजूदा सांसदों को फिर टिकट दिया है जबकि गढ़वाल और हरिद्वार संसदीय सीट पर अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किए है। बीते चुनाव में राज्य की पांचों संसदीय सीटें भाजपा ने जीती थी। राज्य का संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे पांचों सदस्यों ने कुल मिलाकर 282 सवाल पूछे जिसमें से आधे से ज्यादा सवाल टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने पूछे। संसद की 15 सत्रों में शामिल हुई माला राज्य लक्ष्मी शाह ने केवल चार सत्रों में ही कोई सवाल नहीं पूछे इसके अलावा उन्होंने 11 सत्रों में करीब 147 सवाल पूछे। वहीं, संसद में सवाल पूछने के मामले में सबसे फिसड्डी अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा रहे। पंद्रह सत्रों में उन्होंने कुल 9 सवाल पूछे। वह लगातार 13 सत्रों तक सदन में खामोश बैठे रहे।
अगले कुछ हफ्तों में राज्य के मतदाता 18वीं लोकसभा के लिए पांच सांसदों को लोकसभा के लिए चुनने जा रहे हैं। भाजपा की ओर से पांच संसदीय सीटों में अल्मोड़ा, टिहरी और नैनीताल संसदीय सीट से मौजूदा सांसदों को ही चुनावी मैदान में उतारा है जबकि हरिद्वार और गढ़वाल संसदीय सीट पर फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ओर से अब तक अपने प्रत्याशियों का एलान नहीं किया गया है। साल 2014 और 2019 के लोक सभा चुनाव में प्रदेश की पांचों संसदीय सीटें मतदाताओं ने भाजपा को सौंपी थी। 17वीं लोक सभा में टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी शाह, गढ़वाल संसदीय सीट से तीरथ सिंह रावत, हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक, अल्मोड़ा से अजय टम्टा और नैनीताल से अजय भट्ट चुनाव जीतकर लोक सभा पहुंचे थे। राज्य के इन सांसदों का प्रदर्शन संसद में कैसा रहा, पेन प्वाइंट ने यह खोजने की कोशिश की। लोक सभा की आधिकारिक बेवसाइट पर इन पांच सालों में आयोजित हुए 15 संसदीय सत्रों में पूछे गए सवालों, जन समस्याओं के निस्तारण से जुड़े प्रकरणों को टटोलते हुए पाया कि पांच सालों के दौरान राज्य के पांचों सांसदों से सबसे ज्यादा सवाल सदन में टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने उठाए। पांच सालों के 15 सत्रों में राज्य के पांचों सांसदों ने कुल 282 सवाल पूछे जिसमें से करीब 52 फीसदी सवाल अकेले टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने पूछे। टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने दूसरे, 12वें, 13वें और 15वें सत्र में कोई सवाल नहीं पूछा लेकिन इसके अलावा अन्य 11 सत्रों में सांसद राज्यलक्ष्मी शाह ने कुल 147 सवाल पूछे जिसमें से राज्य और टिहरी संसदीय सीट से जुड़ी समस्याओं के निस्तारण, योजनाओं समेत अन्य को लेकर दो दर्जन से अधिक सवाल पूछे गए। वहीं, गढ़वाल संसदीय सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत ने कुल 63 सवाल पूछे। सवाल पूछने के मामले में वह माला राज्यलक्ष्मी शाह से भले ही पीछे हों लेकिन अन्य तीन सांसदों से आगे रहे। सांसद तीरथ सिंह रावत ने सदन में पूछे सवालों, मांगों में 90 फीसदी से अधिक राज्य से जुड़े सवाल उठाए। वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कुल 45 सवाल पूछे। अजय भट्ट ने पहले, दूसरे, तीसरे, पांचवें सत्र में कुल 45 सवाल पूछे जबकि इसके अलावा 11 सत्रों में उन्होंने कोई सवाल नहीं उठाया। हरिद्वार से सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने केवल 18 सवाल ही पूछे। प्रदेश के पांचों सांसदों में से सबसे खराब रेकार्ड अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा का रहा। उन्होंने कुल 9 सवाल उठाए। पांच सालों में 15 सत्रों में से केवल पहले और दूसरे सत्र में ही उन्होंने सवाल उठाए। बाकी अन्य 13 सत्रों में वह लगातार खामोश बैठे रहे।