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श्रद्धा जोशी : एक परफेक्ट हमसफर जो इन दिनों चर्चा में

– 12वीं फेल फिल्म में आईपीएस मनोज जोशी की संघर्ष की साथी और अब उनकी पत्नी श्रद्धा जोशी मूल रूप से अल्मोड़ा से, उनके किरदार को बता रहे लोग एक परफेक्ट हमसफर
PEN POINT, DEHRADUN : बीते महीने सिनेमाघरों में रिलीज हुई और अब ओटीटी पर खूब वाहवाही बटोर रही फिल्म 12वीं फेल फिल्म से आईपीएस मनोज कुमार शर्मा और उनकी पत्नी श्रद्धा जोशी शर्मा चर्चाओं में है। आईपीएस मनोज शर्मा की जीवनी पर बनी फिल्म खूब देखी और पसंद की जा रही है। फिल्म में मनोज शर्मा के आईपीएस बनने के मुश्किल सफर के बारे में बताती है तो साथ ही उनकी साथी और बाद में जीवन संगनी बनी श्रद्धा जोशी शर्मा के प्रेम और समर्पण को भी दिखाती है। इस फिल्म में जहां आईपीएस मनोज शर्मा के संघर्ष भरे सफर का हर कोई मुरीद होता दिख रहा है तो वहीं श्रद्धा जोशी शर्मा के प्रेम, समर्पण और आखिर तक साथ में डटे रहने को एक आदर्श साथी, प्रेमिका, पत्नी के रूप में सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है। मध्य प्रदेश के चंबल इलाके से ताल्लुक रखने वाले आईपीएस मनोज शर्मा के बारे में तो फिल्म काफी विस्तार से बताती है लेकिन श्रद्धा जोशी शर्मा के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताती है।

'Pen Point

आपको जानकर हैरानी होगी कि मनोज कुमार शर्मा की साथी, प्रेरणा और पत्नी श्रद्धा जोशी शर्मा मूल रूप से उत्तराखंड से ताल्लुक रखती हैं। मनोज शर्मा के संघर्ष की साथी और प्रेरणा बनी श्रद्धा का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था और फिलहाल वह भारतीय राजस्व सेवा में महाराष्ट्र में तैनात हैं और इन दिनों में सोशल मीडिया पर खूब तारीफें बटोर रही हैं।
साल 1979 में अल्मोड़ा में पैदा हुई श्रद्धा जोशी के माता पिता दोनों शिक्षक थे। श्रद्धा जोशी की शुरूआती पढ़ाई अल्मोड़ा से ही हुई। बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार श्रद्धा ने 12वीं कक्षा में उत्तर प्रदेश बोर्ड की मेरिट सूची में 13वां स्थान पाया था। इसके बाद श्रद्धा जोशी ने गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से बीएएमएस यानि आयुर्वेदिक मेडिसन एंड सर्जरी में स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद देहरादून के एक अस्पताल में बतौर डॉक्टर कुछ समय सेवाएं भी दी। लेकिन, उनका बचपन से ख्वाब यूपीएसएसी में सफल होने का था तो नौकरी छोड़ श्रद्धा यूपीएससी का सपना पूरा करने दिल्ली रवाना हुई। दिल्ली में कोचिंग के दौरान ही श्रद्धा जोशी की मुलाकात मनोज शर्मा से हुई। दिल्ली में संघर्ष कर यूपीएससी का सपना पूरा करने आए मनोज शर्मा के बारे में जब श्रद्धा जोशी को यह पता चला कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के ही यूपीएससी की प्री परीक्षा पास की तो वह मनोज शर्मा से काफी प्रभावित हुई। कोचिंग के दौरान दोनों में दोस्ती हुई। दोस्ती प्रेम में बदली। अभावों में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे मनोज शर्मा के लिए यह सब कुछ आसान नहीं था लेकिन श्रद्धा जोशी हमेशा उनके साथ खड़ी रही। जैसे कि फिल्म बताती है कि श्रद्धा जोशी मनोज को प्रेरित करती, उनके साथ खड़ी रहती, उनके संघर्ष की साथी बन गई थी। कठोर परिश्रम कर मनोज शर्मा आखिरकार यूपीएससी में सफल हुए और आईपीएस बने तो श्रद्धा जोशी ने भी यूपीएससी में सफलता पाते हुए आईआरएस आफिसर के तौर पर महाराष्ट्र में सेवाएं देनी शुरू की। संघर्ष के दिनों में एक दूसरे के साथी बने श्रद्धा जोशी और मनोज शर्मा ने बाद में शादी कर ली और दोनों एक सुख वैवाहिक जीवन तो जी रहे हैं साथ ही देश के हजारों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बने हुए हैं।

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