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सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए लोगों के लिए बुरी खबर

– आधुनिक तकनीकि के जरिए राज्य भर में राज्य सरकार की जमीनों, वन विभागों की जमीनों पर अवैध कब्जा जमाए लोगों पर होगी कार्रवाई
PEN POINT, DEHRADUN : सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण कर चुके लोगों के लिए बुरी खबर है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण पर जल्द ही बुल्डोजर गरजने वाला है। सरकार आधुनिक तकनीकि के जरिए अपनी जमीन का नक्शा तैयार कर रही है। इसके बाद सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए लोगों को हटाने का काम तेजी से शुरू किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने डेढ़ सौ करोड़ रूपये का भारी भरकम बजट भी जारी किया है।
राज्य सरकार अब जीआईएस यानि जियोग्राफिकल इनफारमेशन सिस्टम यानि भौगोलिक सूचना प्रणाली के जरिए राज्य भर में सरकार जमीनों पर हुए कब्जे का नक्शा तैयार करेगी। इसके जरिए यह भी मालूम होगा कि किस गांव, कस्बे में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर भवन निर्माण या अन्य निर्माण किया गया है। सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से बनाए गए मजार, मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थलों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब राज्य सरकार की नजर गांव कस्बों में सरकारी भूमि पर कब्जा किए हुए लोगों पर हैं।
बीते महीनों से राज्य सरकार ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मजारों, मंदिरों, व अन्य धार्मिक स्थल का हटाने का काम जोर शोर से शुरू किया हुआ है। रोजाना ही राज्य सरकार का बुल्डोजर सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाए गए अवैध धार्मिक निर्माणों पर गरज रहा है। इसके बाद अब बारी राज्य भर में सरकारी भूमि पर हुए अवैध निर्माणों की है। इसके लिए सरकार अब अपने हिस्से की जमीन का हिसाब किताब रखने जा रही है। राज्य सरकार व वन विभाग की भूमि पर लगातार अवैध कब्जों की खबरों के बाद अब सरकार जीआईएस तकनीकि के जरिए जमीनों का नक्शा तैयार करने जा रही है। इस तकनीकि के जरिए राज्य सरकार के हिस्से वाली जमीनों का नक्शा भी तैयार होगा तो साथ ही ऐसे निर्माण की पहचान भी की जाएगी जो हाल के सालों में अवैध तरीके से सरकारी भूमि को कब्जा कर किया गया है। करीब 150 करोड़ रूपए की लागत से राजस्व परिषद इस काम को अंजाम देने वाला है। प्रदेश भर में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की शिकायत और इन कब्जों को हटाने में नाकाम प्रशासन से नाराज होकर सरकार ने यह फैसला लिया है।

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