भाजपा जमीन विवाद में बोले चुुफाल- ‘मैं नहीं, अब महेंद्र भट्ट हैं प्रदेश अध्यक्ष’
Pen Point, Dehradun : भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश कार्यालय के लिए चाय बागान की जमीन खरीद मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है। रिंग रोड पर स्थित यह जमीन चाय बागान की थी जिसकी निजी तौर पर खरीद फरोख्त नहीं की जा सकती थी। इस मामले की जिला प्रशासन कई मर्तबा जांच भी करवा चुका है। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए एक सप्ताह पहले देहरादून के एडीएम प्रशासन डॉ. एसके बरनवाल ने बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विशन सिंह चुफाल को नोटिस भेजा था। जिसमें कहा गया कि, ग्राम रायपुर में भूमि खाता संख्या 143 के खसरा नंबर 4305 में 0.88 हेक्टेयर जो जमीन उन्होंने खरीदी, उसे मूल खातेदार चंद्रबहादुर ने सीलिंग से छूट प्राप्त चाय बागान की भूमि घोषित कराई थी। 10 अक्तूबर 1976 के बाद चाय बागान की जमीनों पर हुए सभी बैनामे शून्य मानकर रायपुर की यह पूरी जमीन राज्य सरकार में निहित हो चुकी है। लिहाजा इस भूमि पर सभी व्यक्तियों के अधिकार समाप्त हो चुके हैं। नोटिस में चुफाल को 24 जून को प्रकरण संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया। इसके अलावा, चाय बागान की जमीन को अवैध तौर पर बेचने और अतिक्रमण करने पर विनोद कुमार, ईला खंडूड़ी, सरोज बिष्ट, मोनिका चौधरी, संजय गुलेरिया, आभा, राजा डोबरा, शांति नेगी, सविता, रमेश भट्ट को भी नोटिस भेजे गए थें।
नोटिस में तय तिथि पर शनिवार को डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल देहरादून अपना जवाब दाखिल करने कलक्ट्रेट पहुंचे। उसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि मैं 2010 में प्रदेश अध्यक्ष था। उसी समय भाजपा के प्रदेश कार्यालय के लिए जमीन खरीदने का प्रस्ताव आया। किसी व्यक्ति के बताने पर मैंने यह जमीन देखी। पार्टी के तत्कालीन पदाधिकारियों को भी दिखाई। सभी की सहमति से जमीन खरीद ली गई। पार्टी अध्यक्ष होने के कारण जमीन की रजिस्ट्री मेरे नाम से हुई। इसलिए नोटिस मेरे नाम से आया है। पार्टी स्तर पर विचार कर नोटिस का जवाब दिया जाएगा।
वहीं नियत प्राधिकारी ग्रामीण सिलिंग को दाखिल चार बिंदुओं के जवाब में चुफाल ने नोटिस पर उनके पते को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि नोटिस के पते में भाजपा प्रदेश कार्यालय नहीं अंकित किया गया है, जबकि उन्होंने यह खरीद पार्टी अध्यक्ष के रूप में की थी, जिसमें उनका पते में भाजपा प्रदेश कार्यालय स्पष्ट रूप से अंकित है।
उन्होंने जवाब में यह भी लिखा है कि पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष महेंद्र भट़ट हैं, लिहाजा भविष्य में कोई भी सूचना उन्हें ही भेजी जाए। इसके अलावा उन्होंने उपरोक्त जमीन पर उनके या उनके किसी परिजनों के नाम एक इंच भी भूमि ना होने की बात कही है।
दस्तावेजों के अनुसार खरीदी गई जमीन का बाजार मूल्य उस समय 4 करोड़ 92 लाख 80 हजार रूपए था। हालांकि भाजपा से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि वहां कभी चाय बागान नहीं था। किसी तकनीकी त्रुटि से इसे चाय बागान दिखाया गया है।