भ्रष्ट तंत्र 2- कैग रिपोर्ट- ठेकेदार को 78.91 लाख का गलत भुगतान
PEN POINT DEHRADUN : वित्तीय संकट से जूझ रहे राज्य के खजाने को लुटाने का सिलसिला बेहद निराश करने वाला है। हाल ही में कैग की रिपोर्ट ने तफसील से इसकी तस्दीक भी की। गैरसैंण बजट सत्र के दौरान पिछले बुधवार विधानसभा पटल पर यह रिपोर्ट पेश हुई थी। जिसमें अफसरों की लापरवाही कहें या मनमानी से सरकारी धन के दुरूपयोग का कच्चा चिट्ठा खुल गया। यह तब है जब राज्य का बजट पूरी तरह घाटे का है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। अब देखना है कि सरकार रिपोर्ट में सामने आई गड़बडि़यों को कितनी गंभीरता से लेती है। फिलहाल रिपोर्ट में सामने आई कुछ और विभागों की कारगुजारियों पर नजर डालते हैं-
संस्कृति विभाग : 89 लाख खर्च दिए, 12 प्रतिशत ही बना सभागार
यूएसनगर जिले के बाजपुर में संस्कृति विभाग के एक खेल की ओर कैग् रिपोर्ट ने इशारा किया है। यहां एक सभागार के निर्माण में भारी धनराशि खर्च तो हो गई लेकिन मौके पर मामूली काम भी नहीं हो सका। 300 सीटों की क्षमता वाले इस सभागार बनाने के लिए 4.96 करोड़ की प्रशासनिक व वित्तीय मंजूरी दी। लेकिन नवंबर 2015 तक 89.13 लाख खर्च से 12 फीसदी ही कार्य हुआ। अगस्त 2019 तक इसकी कोई भौतिक प्रगति नहीं थी। इस प्रकरण में 57.31 लाख रुपये बेकार हो गए।
ग्रामीण विकास : ठेकेदार को किया 78.91 लाख का गलत भुगतान
पौड़ी जिले में पीएमजीएसवाई खंड कोटद्वार के अधिशासी अभियंता ने सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार को गलत भुगतान कर दिया। कैग रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि इस मामले में 78 लाख रुपए का गलत भुगतान किया गया है। साल 2014 में द्वारीखाल प्रखंड में रिंगालपानी-जसपुर से ग्वील-गढ़कोट मोटर मार्ग के पहले चरण का निर्माण होना था। जिसके निर्माण के लिए 9.28 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी। विभाग ने ठेकेदार से ज्यादा का अनुबंध कर दिया। इस तरह ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
पर्यटन विभाग : राजकोष को 50 लाख का नुकसान
पर्यटन महकमा भी सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने में पीछे नहीं है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद तथा सिंचाई खंड हरिद्वार ने स्टांप शुल्क की 50 लाख की वसूली नहीं की। 2019 में एक निजी ठेकेदार के साथ हरिद्वार में पार्किंग कॉम्पलेक्स की पार्किंग के लिए 100 रुपये के स्टांप पर 5.02 करोड़ प्रति वर्ष में आवंटित कर दी थी।
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