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महामारी से कहीं ज्‍यादा जानें ले रही सड़क दुर्घटनाएं  

-पांच सालों में औसतन हर दिन तीन दुर्घटनाओं में दो लोगों ने गंवाई जान, तीन लोग हुए घायल
PEN POINT, DEHRADUN : प्रदेश में सड़कों पर वाहन मौत बनकर दौड़ रहे हैं। यह हम नहीं बीते पांच सालों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों का रेकार्ड बता रहा है। पांच सालों में हर दिन औसतन तीन दुर्घटनाओं में दो लोगों ने अपनी जान गंवाई जबकि तीन लोग हर रोज इन दुर्घटनाओं में घायल हुए। कहा जा सकता है कि कोरोना जैसी महामारी से भी राज्‍य में इतनी मौतें नहीं हुई जितनी जानें सड़क दुर्घटनाओं में चली गईं।
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है
। तमाम जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद तेज रफ्तार, खराब सड़कें, ओवरटेकिंग की वजह से पिछले पांच सालों में करीब सवा चार हजार लोगों ने अपनी जान गंवाईं हैं। 2017 से लेकर 2021 तक पांच सालों में ही राज्य के 13 जिलों में 6869 सड़क दुर्घटनाओं में 4350 लोगों ने अपनी जान गंवाईं। वहीं इस दौरान 6604 लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए।

2017 में 1603 सड़क दुर्घटनाओं में 942 लोगों की मौत हुई, वहीं 2018 में 1468 सड़क दुर्घटनाओं में 1047 लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं, 2019 में 1352 सड़क दुर्घटनाओं में 867 लोग काल का ग्रास बने। वहीं 2020 में 1041 सड़क दुर्घटनाओं में 674 लोग तो 2021 में 1405 सड़क दुर्घटनाओं में 820 लोग असमय काल का ग्रास बने।

2022 में नवंबर तक 1022 लोगों ने गंवाईं जान
साल 2022 सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज पिछले 6 सालों में सबसे भारी बीता। 2022 में नवंबर तक ही करीब 1516 सड़क दुर्घटनाओं में 1022 लोगों ने अपनी जान गंवाईं। इस लिहाज से देंखे तो हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में औसतन 3 लोगों ने अपनी जान गंवाईं। यह बीते छह सालों में सर्वाधिक औसत है। दुर्घटनाओं के लिहाजा 2022 राज्य पर सबसे भारी बीता है।
दुर्घटना के कारण
– पहाड़ी व मैदानी मार्गों पर तेज रफ्तार
– ओवरटेकिंग
– नशे में ड्राइविंग
– ओवरलोडिंग

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