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करंट हादसा : मौत के झटके के बीच खड़ा रहा महेश, पिता और भाई नहीं बचे

Pen Point, Dehradun : चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के प्लांट पर करंट से हुए हादसे से पूरा इलाके में ग़म और गुस्सा पसरा हुआ है। बीते बुधवार को हुए इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश ऐम्स पहुंचाया गया। महज तीन मिनट के अंदर करंट का यह झटका सोलह जानों को लील गया। मौत के इस तेज झपट़टे के बीच कुछ लोगों की जान बच गई। जिनमें रंगतोली गांव का महेश कुमार भी शामिल है। महेश मंगलवार की रात को प्लांट पर जान गंवाने वाले ऑपरेटर गणेश का बडा भाई है। जो अपने पिता महेंद्र और छोटे भाई सुरेंद्र के साथ गणेश की मौत की खबर सुनकर प्लांट पर पहुंचे थे। इसी दौरान बिजली के साथ आई मौत सोलह लोगों के साथ महेश के पिता और छोटे भाई पर भी झपट्टा मार गई। लेकिन मौत के इस झटके के बीच महेश की जान बच गई। चमोली के पास लासी गांव के प्रधान नयन सिंह ने महेश के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फिलहाल महेश इस घटना से बदहवास है। उसके परिवार में अब वही एक आदमी बचा हुआ है, अभी उसके पिता और भाईयों के अंतिम संसकार की तैयारी हो रही है। बकौल नयन सिंह, महेश ने बताया कि बुधवार को दस बजने के कुछ ही देर बाद गणेश के साथ हुई घटना के बारे में फोन आया।. इसके बाद वह अपने पिता महेंद्र और भाई सुरेश कुमार के साथ नमामि गंगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर पहुंचे। जहां पहले से ही लगभग तीस स्थानीय लोग मौजूद थे।

वहां घटना को समझने की कोशिश कर रही थे कि क़रीब पांच मिनट बाद ही अचानक करंट फ़ैल गया। लोग करंट के झटके लगने से नीचे गिरने लगे. वहां दोनों तरफ़ लोहे की ग्रिल और जाली लगी थी। संयोगवश महेश उन लोगों के बीच में सीधा खड़ा हो गया। शायद उसके जूते सूखे थे, जबकि कुछ लोगों ने चप्पल और गीले जूते पहने थे। जिसके चलते उन्हें ज्यादा करंट लगा। महेश के मुताबिक उसे शरीर में कमर के हिस्से तक करंट का एहसास हुआ था। वह कुछ सेकेंड बाद ही ऊपर से नीचे ज़मीन पर कूद गया, शायद इसलिए बच गया।

लापरवाही को लेकर लगाए जा रहे कयास
लासी के ग्राम प्रधान नयन सिंह ने बताया कि फिलहाल, परियोजना प्रबंधन, जल निगम और यूपीसीएल एक दूसरे पर जवाबदेही की बात कर रहे हैं। यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि इस घटना में लापरवाही किसकी थी। लेकिन मोटे तौर पर पहली नजर में तो यह गलती जल निगम और कार्यदायी संस्था की ही कही जा सकती है। जिनको अपने प्रोजेक्ट पर वायरिंग दुरूस्त रखनी चाहिए थी और सुरक्षा के जरूरी मानकों को पूरा करना चाहिए।

सीएम पहुंचे गोपेश्वर, घायलों से मिले
गुरूवार की सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गोपेश्वर पहुंचे। जहां उन्होंने जिला अस्पताल में भर्ती पांच घायलों और उनके परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, स्वास्थ्य मंत्री डा.धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी मौजूद रहे।

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