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साइबर ठगी: समझदारी दिखाकर बचाएं अपनी गाढ़ी कमाई

– प्रदेश भर में हर दिन दर्जनों लोग हो रहे साइबर ठगी के शिकार, हर साल तीन गुने से अधिक हो रहे साइबर ठगी के अपराध
PEN POINT, DEHRADUN : ‘देहरादून में बीते नौ जून को पटेलनगर निवासी एक महिला को एक साइबर ठग ने कनाडा में पढ़ रहे उनके बेटे का दोस्त बनकर 9.40 लाख रूपए अपने खाते में जमा करवा दिए, महिला का जब बेटे से संपर्क हुए तो पता चला कि ठगों ने बेटे के दोस्त की आईडी व पहचान का प्रयोग कर इस ठगी को अंजाम दिया।’ 

‘वहीं, शहर के एक पांच सितारा होटल में साइबर ठगों ने क्रेडिट कार्ड से 1.68 लाख का फर्जी भुगतान दिखाया लेकिन बाद में भुगतान रद हो गया। होटल को 1.68 लाख की चपत लगी।’

‘शनिवार को देहरादून पुलिस के पास मामला आया कि साइबर ठगों ने एक युवक को यूट्यूब चैनल लाइक से कमाई का झांसा देकर 3.79 लाख रूपए ठग लिए।
शायद ही ऐसा कोई दिन गुजरें जब उत्तराखंड पुलिस के पास साइबर ठगी के मामलें न आए। तमाम जनजागरूकता कार्यक्रमों, अखबारों में छप रही साइबर ठगी के मामलों के बावजूद हर दिन ही प्रदेश भर में दर्जनों लोग अपनी गाढ़ी कमाई साइबर ठगों के हाथों लुटवा रहे हैं।
नेशनल क्राइम रेकार्ड ब्यूरो 2021 की माने तो साल 2021 में हर घंटे औसतन छह लोगों के साथ साइबर फ्रॉड या साइबर धोखाधड़ी हुई है। पूरे साल भर में साइबर ठगी, साइबर अपराध के 52,974 मामले साइबर क्राइम के दर्ज हुए है जिसमें से 60 फीसदी से ज्यादा साइबर धोखाधड़ी कर पैसे ठगे जाने के थे। उत्तराखंड में ही 2021 में 718 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए जो 2020 में दर्ज मामलों का तीन गुने से भी ज्यादा था। 2020 में प्रदेश में साइबर क्राइम के कुल 243 मामलें दर्ज हुए थे जबकि 2019 में कुल 100 मामलें। यानि, देश समेत प्रदेश में भी साइबर क्राइम के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। पुलिस प्रशासन भी व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगों को साइबर ठगी, साइबर अपराध से बचने को जागरूक कर रही है। उसके बावजूद भी शायद ही कोई दिन बीते जब प्रदेश भर में कोई न कोई व्यक्ति साइबर ठगों का शिकार न होता हो।
इन दिनों ओटीपी मांगकर, स्कैनर भेजकर, या फर्जी आइडी बनाकर साइबर ठगी के साथ ही सेक्साटर्शन के जरिए भी साइबर ठग लाखों की चपत लगा रहे हैं। व्हाट्सएप, या फेसबुक मैसेंजर एक अनजान वीडियो कॉल रीसीव करने से ही साइबर ठग लोगों को सेक्साटर्शन में फंसा रहे हैं और फिर मोटी रकम ठग रहे हैं।
ह्वाट्सएप पर किसी का लिंक स्वीकार करना हो या किसी अनजान नंबर से आए कॉल के बदले वीडियो कॉल स्वीकारना, बैंक के नाम पर कॉल कर आपसे ओटीपी मांगना हो या बिजली विभाग का कर्मचारी बनकर आपसे निजी जानकारी ले लेना, साइबर क्राइम और फ्रॉड हमारी-आपकी जिंदगी में चौतरफा घुस चुका है और नए-नए तरीकों से हमारी-आपकी मेहनत की कमाई लूट ले रहा है।
आजकल साइबरफ्रॉड के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. यहां तक कि चौटजीपीटी जैसे एआई प्लेटफॉर्म का भी इन नए तरीकों को बताने में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कोविड-19 के बाद हम साइबर क्राइम के स्वर्ण युग में प्रवेश कर चुके हैं और अब एटीएम कार्ड नंबर या ओटीपी से ही साइबर ठगी नहीं हो रही है बल्कि साइबर ठगों ने नए नए तरीके इजाद कर लिए हैं। चाहे ये मैसेज आए कि आपकी बिजली कट जाएगी या आपके बैंक से संबंधित कुछ नया करना है. ये बिल्कुल अलग तरीके से साइबर ठगी करते हैं, जिसमें न केवल आम आदमी, बल्कि बुद्धिजीवी भी, प्रशिक्षित लोग भी इस तरह की ठगी का शिकार हो जाएंगे।

कैसे बचें साइबर ठगी से
व्हाट्सएप्प या फेसबुक, या मैसेंजर एक लिंक पर क्लिक कर देने भर से ही लोग ठगों के चंगुल में फंस जाते हैं। किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल आने पर उसे जैसे ही उठाते हैं तो सामने एक वीडियो शुरू हो जाता है जिसमें एक लड़की अपने कपड़े उतार रही है जबकि यह ठगों का एक तरीका है जो न्यूड वीडियो डालकर आप जब उसे देख रहे होते हैं तो उसे रेकार्ड कर लेते हैं फिर उस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर आपसे अलग अलग खातों में रकम मंगवाते हैं। इससे बचने का इकलौता तरीका यह है आप किसी भी अनजान व्यक्ति से इस तरह का कोई भी कॉल न स्वीकार करें. अगर कोई इस तरह के मामलों में शिकार बन जाते हैं, तो पहली चीज तो यह समझनी चाहिए कि आपको चुप नहीं बैठना चाहिए। आपको तुरंत 1930 पर फोन कीजिए। यह राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर है इसमें अपनी शिकायत तुरंत दर्ज करवाईए। अगर आपके साथ बैंक से संबंधित किसी भी तरह का फ्रॉड होता है और आपने इस नंबर 1930 पर फोन किया, तो स्वतः ही इस नंबर से उस बैंक को फोन चला जाता है, जहां आपका खाता है, बैंक को कहा जाता है कि यह धोखाधड़ी का पैसा है, फ्रॉड हुआ है तो बैंक ही उस ट्रांजैक्शन को रोक देता है। इसलिए, किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में पहला काम आपको करना है कि इस नंबर पर कॉल करें

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