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जानलेवा बिजली : हर दिन बिजली से बुझ रही 34 जिंदगियों की लौ

– देश भर में 2021 में 12 हजार से ज्यादा लोगों ने बिजली के करंट की चपेट में आने से गंवाई जान, उत्तराखंड में 15 लोगों की हुई थी मौत
PEN POINT, DEHRADUN : बीते गुरूवार को चमोली में अलकनंदा तट पर करंट फैलने से 16 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, इससे तीन दिन पहले ही 15 जुलाई को हरिद्वार से कांवड़ लेकर मेरठ अपने गांव लौट रहे कांवड़ियों के एक वाहन में लगे डीजे में करंट उतर गया जिसकी चपेट में आने से छह लोगों की मौत हो गई। सप्ताह भर के भीतर ही बिजली के करंट से तीन सौ किमी के दायरे में ही 21 लोगों ने अपनी जान गंवाई। घरों को रोशन करने वाली बिजली हर दिन औसतन 34 लोगों की मौत का कारण बनती है। राष्ट्रीय अपराध रेकार्ड ब्यूरो 2021 की रिपोर्ट की माने तो देश में हर दिन औसतन बिजली के करंट से 30 लोग जान गंवाते हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों की ही माने तो 2011 के मुकाबले 2021 तक बिजली के करंट से मरने वालों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है।
उत्तराखंड बीते गुरूवार को चमोली के समीप नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में बिजली के करंट फैलने से हुई 16 मौतों से स्तब्ध रह गया। एक झटके से 16 लोगों की मौत और 11 लोग बुरी तरह से झुलस गए। इस घटना ने परियोजनाआें, निर्माण कार्यों पर बिजली उपकरणों की सुरक्षा, बिजली से लगने वाले करंट के जोखिम को न्यूनतम करने की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगा दिए। चमोली में मौत बनकर उतरा बिजली का करंट हर साल देश भर में 12 हजार से ज्यादा लोगां की जान ले लेता है। उत्तराखंड में ही हर साल औसतन 75 लोग अपनी जान बिजली के करंट से गंवाते हैं। बिजली विभाग के आंकड़ों की ही माने तो राज्य गठन से लेकर अब तक राज्य में 1659 लोग बिजली के करंट से अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं देश में 2021 में ही 12542 लोगों ने बिजली के करंट से अपनी जान गंवाई यानि हर दिन औसतन 34 लोगों ने। यह आंकड़ा 2011 के मुकाबले लगभग दोगुना है। हालांकि, 2021 में बिजली के करंट से होने वाली मौतों में 2020 के मुकाबले मामूली कमी दर्ज की गई। 2020 में जहां देश भर में बिजली के करंट से 13433 मौतें रेकार्ड की गई वहीं 2021 में इनमें करीब 900 की गिरावट देखी गई।
वहीं उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद अब तक 2292 बिजली के करंट की घटनाएं दर्ज की गई। जिसमें 1659 लोगों की मौत होने के साथ ही 442 लोग बुरी तरह से अपंग हो गए। तो वहीं, शॉर्ट सर्किट से 206 अग्निकांड की घटनाएं भी घटी जिससे करोड़ों के जान माल का नुकसान दर्ज किया गया। 2021 में ही राज्य में बिजली के करंट की चपेट में आने की 15 घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई। यह बीते सालों में करंट की चपेट में आकर मरने वालों की सबसे कम तादात थी।
एनसीआरबी की माने तो देश में सबसे ज्यादा करंट लगने से होने वाली मौतों का कारण शॉर्ट सर्किट है तो उसके बाद झूलते तार जानलेवा साबित हो रहे हैं।

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