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गुजरात को मिलेगी उत्तराखंड के हिस्से की बिजली

गर्मियों के साथ बिजली संकट भी बढ़ाएगा परेशानी, गुजरात से बिजली की मांग बढ़ने पर उत्तराखंड को केंद्र सरकार 1 मार्च ने नहीं देगी 300 मैगावाट बिजली
Pen Point, Dehradun – वासंती बयार में ही गर्मी के तेवर डराने लगे हैं लेकिन इससे डरावनी खबर यह है कि अगर केंद्र सरकार पर गुजरात प्रेम हावी रहा तो उत्तराखंड को इन गर्मियों में बिजली संकट के लिए तैयार रहना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में बिजली की मांग बढ़ने से उत्तराखंड राज्य को मिलने वाली केंद्रीय पूल की बिजली 1 मार्च से गुजरात को दे दी जाएगी। गर्मियों की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड के लिए यह बड़ा झटका है।
फिलहाल राज्य में गर्मियों में मांग 45 मिलियन यूनिट तक पहुंच जाती है। राज्य विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के जरिए करीब 15 मिलियन यूनिट बिजली ही रोजाना जुटा पाता है वहीं केंद्रीय पूल से मिलने वाली 14 मिलियन यूनिट के साथ ही बाजार से बिजली खरीदकर राज्य जैसे तैसे काम चला रहा है। बीते साल बिजली की मांग बढ़ी तो केंद्र सरकार ने राज्य को केंद्रीय पूल से 300 मैगावाट अतिरिक्त बिजली देनी शुरू की। जिसके चलते यूपीसीएल को बाजार से महंगे दरों पर बिजली खरीदने से निजात मिल सकी तो राज्य में आपूर्ति भी बहाल रही। लेकिन, इस साल गुजरात से मांग बढ़ने के चलते केंद्र सरकार ने 1 मार्च से केंद्रीय पूल की 300 मैगावाट बिजली देने से हाथ खड़े कर दिए है। गुजरात प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का गृह राज्य है ऐसे में केंद्र गुजरात की मांग पूरी करने जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा 1 मार्च से केंद्रीय पूल की बिजली कटौती के फैसले के बाद राज्य सरकार के हाथ पांव फूले हुए हैं। बताया जा रहा है खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमान हाथ में लेकर केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि 28 फरवरी के बाद भी केंद्रीय पूल का कोटा जारी रखा जाए। क्योंकि, राज्य में गर्मियां दस्तक दे चुकी है, चारधाम यात्रा भी शुरू होने वाली है ऐसे में बिजली संकट राज्य पर भारी गुजरेगा।

गैस आधारित दो बिजली संयंत्र शुरू हो सकते हैं

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम बढ़ने से देश के अधिकांश गैस आधारित बिजली संयंत्र बंद पड़े हैं। लेकिन बाजार में गैस के दाम में गिरावट आई है। इसे देखते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने राज्य सरकार को गैस आधारित संयंत्रों से बिजली की मांग पूरी करने का सुझाव दिया है। इसे देखते हुए राज्य में 214 मेगावाट का श्रावंती और 107 मेगावाट का गामा संयंत्र शुरू हो सकता है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के मुताबिक, दोनों संयंत्रों को शुरू कराने की कोशिशें हो रही हैं। हालांकि, अगर यह दोनों सयंत्र शुरू हुए तो उम्मीद लगाई जा रही है कि उसके बाद राज्य को बिजली संकट से थोड़ी राहत मिल सकती है।

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