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साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, जानिये क्या है उपछाया ग्रहण

PEN POINT, DEHRADUN: यूं तो ब्रह्मांड में हर पल खगोलीय घटनाएं चलती रहती हैं। लेकिन सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण ऐसी अहम घटनाएं हैं जिन्हें हम देख सकते हैं। वहीं ज्योतिष विज्ञान में ये घटनाएं बेहद महत्व रखती हैं। भारत में पर्व और त्यौहारों से लेकर पूजा पाठ तक पर सूर्य और चंद्र ग्रहण का असर परंपरागत रूप से देखा जाता रहा है।
ज्योतिषीय पंचांग के मुताबिक आज यानी पांच मई 2023 शुक्रवार को साल का पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा। जिसका समय रात आठ बजकर 45 मिनट से एक बजकर दो मिनट तक है। आज वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा का दिन भी है। भारत में भी इस खगोलीय घटना को देख सकेंगे।

क्या है उपछाया चंद्रग्रहण?
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी का गुजरना होता है तो पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति होती है। जिसमें चंद्रमा का रंग सुर्ख लाल दिखाई देता है। इस खगोलीय स्थिति में पृथ्वी चंद्रमा के चेहरे पर छाया डालती है। उपछाया चंद्रग्रहण भी ऐसी ही स्थिति है, लेकिन इसमें पृथ्वी पर चंद्रमा के लिए सूर्य को पूरी तरह नहीं ढकती। पूर्ण ग्रहण में पृथ्वी की आंतरिक छाया चंद्रमा पर पड़ती है और इसका रंग सुर्ख लाल दिखता है। इस घटना में पृथ्वी सूर्य की गोल हिस्से को ढकती हुई लगती है लेकिन पूरी तरह नहीं। इसका आशय यह है कि जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया या पेनुम्ब्रा में होती है तो उसे सूर्य की रोशनी कम मिलती है और वह मंद दिखता है। हांलाकि फिर भी कुछ हद तक रोशन रहता है।
बहुत छोटे या सूक्ष्म मद्धिम प्रभाव के कारण उपछाया चंद्र ग्रहण का निरीक्षण करना आसान नहीं है। अक्सर यह सधे ढंग से ली गई फोटो या तेज निगाह वाले लोगों को ही दिखाई देता है। अगर मौसम ठीक रहता है तो भारत के कई शहरों में साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण लोग देख संकेगे।

कहां दिखेगा चंद्रग्रहण?
यह चंद्रग्रहण एशिया समेत यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत अटलांटिक, हिंद महासागर और अर्फिका में दिखाई देगा। पूर्ण चंद्रग्रहण को जहां सीधा देखा जा सकता है वहीं उपछाया चंद्रग्रहण को देखना कठिन रहेगा।
भारत में कहां दिखेगा
खगोलविदों के अनुसार भारत में नई दिल्ली, मुबई, बेंगलुरू, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, वाराणसी, मथुरा, पुणे, सूरत, कानपुर, विशाखापत्तनम, पटना, चंडीगढ़, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा सहित भारत के सभी शहर इस खगोलीय घटना के गवाह बन सकेंगे।

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