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सरकार ने किया साफ, तय समय पर नहीं हो सकेंगे निकाय चुनाव

– हाईकोर्ट की ओर से जवाब तलब किए जाने के बाद शहरी विकास मंत्री ने कहा, अभी चुनाव पूर्व औपचारिकताएं नहीं हो सकी हैं पूरी
PEN POINT, DEHRADUN : बीते दिनों हाईकोर्ट नैनीताल की ओर से राज्य सरकार से निकाय चुनावों को लेकर जवाब मांगा गया था। अब राज्य सरकार ने भी साफ कह दिया है कि मौजूदा परिस्थितियों में निकाय चुनाव नवंबर महीने में करवाने संभव नहीं है। लिहाजा, अब 1 दिसंबर से निकायों का काम काज प्रशासकों का सौंप कर सरकार अगले साल ही निकाय चुनाव करवाएगी।
बीते दिनों हाईकोर्ट में निकाय चुनावों को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि निकाय चुनावों को लेकर उसकी क्या तैयारी है। इसी साल 1 दिसंबर को राज्य के नगर निगम, पालिका, नगर पंचायत अध्यक्षों, पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। लिहाजा, नंवबर महीने तक राज्य में हर हाल में निकाय चुनाव होने थे। लेकिन, इस साल की शुरूआत से आशंका जताई जा रही थी कि राज्य सरकार निकाय चुनावों को अगले साल के लिए टालना चाहती है। इस आशंका को तब बल मिला जब ओबीसी सर्वे के लिए गठित एकल सदस्यीय आयोग ने सर्वे पूरा करने के लिए तय समय सीमा जून 2023 तक सर्वे पूरा नहीं करवाया। निकायों की ओर से सर्वे रिपोर्ट न मिलने पर राज्य सरकार ने इस एक सदस्यी आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ा दिया। लिहाजा, यह तय हो चुका था कि इस साल निकाय चुनाव होने संभव नहीं है। वहीं, इस मामले में जब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा कि वह निकाय चुनाव समय से करवाने के लिए क्या तैयारियां कर रहा है तो सरकार अब तक साफ कर दिया है कि नवंबर महीने में चुनाव किए जाने संभव नहीं है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने शुक्रवार को साफ किया कि अब तक चुनाव पूर्व ओबीसी सर्वे पूरा नहीं हुआ है न ही ओबीसी सर्वे के बाद सुनवाई और आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू हो सकी है लिहाजा किसी भी हाल में नवंबर दिसंबर में चुनाव किए जाने संभव नहीं है। वहीं, उन्होंने साफ किया 1 दिसंबर से निकायों को प्रशासकों के हवाले कर दिया जाएगा। यानि, निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे प्रत्याशियों को फिलहाल अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। वहीं, माना यह भी जा रहा है कि दिसंबर में चुनाव न होने की दशा में सरकार निकाय चुनावों को लोक सभा चुनाव के बाद तक खिसका सकती है। हालांकि, प्रशासकांे की तैनाती के छह महीनों के भीतर ही निकाय चुनाव किए जाने जरूरी है लेकिन अगले साल की शुरूआत से ही राज्य सरकार पूरी तरह से खुद को लोक सभा चुनाव की तैयारियों में झोंक देगी। लिहाजा, इससे पहले निकाय चुनाव करवाने संभव नहीं दिख रहे हैं।

 

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