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प्रधानमंत्री के मैदान में उतरने से तराई में कमजोर भाजपा कितनी मजबूत होगी ?

– प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रचार का आगाज नैनीताल- ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट से कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 2 अप्रैल को रूद्रपुर में करेंगे रैली, तराई में पार्टी की कमजोर होती स्थिति को मजबूत करने के लिए उतरेंगे मैदान में
Pen Point, Dehradun : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में चुनावी प्रचार अभियान की शुरूआत 2 अप्रैल को रूद्रपुर से करेंगे। जहां प्रधानमंत्री एक जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा केंद्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी चुनावी अभियान का शंखनाद शुरूआत हरिद्वार से करेंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले सालों में उत्तराखंड के कई दौरे कर चुके हैं, लेकिन उनके अधिकतर दौरे गढ़वाल मंडल में ही केंद्रित रहे हैं ऐसे में चुनावी अभियान की शुरूआत नैनीताल-उधमसिंह नगर संसदीय सीट से करने के फैसले के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री के रूद्रपुर से चुनावी अभियान शुरू करने के फैसले के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं। नैनीताल संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले उधम सिंह नगर जनपद में 13 लाख से भी अधिक मतदाता पंजीकृत हैं, जबकि नैनीताल जनपद में 7 लाख 89 हजार से कुछ अधिक मतदाता हैं। 14 विधानसभाओं में फैली नैनीताल संसदीय सीट में फिलहाल छह सीटें कांग्रेस के पास हैं। जबकि, उधम सिंह नगर की 9 विधानसभा सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस के पास है। हरिद्वार और उधम सिंह नगर ही दो तराई जनपद ऐसे हैं जहां 2022 के प्रचंड भाजपा लहर में भी कांग्रेस की स्थिति सम्मानजनक रही थी। जबकि इस लहर के बावजूद भाजपा की हालत खस्ता थी। हालांकि, 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा के अजय भट्ट को कुल 61.8 फीसदी वोट मिले। जबकि कांग्रेस को 34.8 वोट हासिल हुए। जबकि 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 46.3 फीसदी और कांग्रेस को 41.5 फीसदी वोट मिले थे।
2022 के विधानसभा चुनाव में 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान परवान चढ़ी मोदी लहर काफी हद तक उतर गई थी।

यही कारण था कि नैनीताल संसदीय सीट के उधम सिंह नगर की 9 विधानसभा सीटों में से आधे से ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती। जबकि नैनीताल जनपद के 6 में से कांग्रेस को सिर्फ हल्द्वानी विधानसभा सीट पर जीत मिली थी। वह भी मैदानी सीट में आती है जबकि अन्य सभी पर्वतीय क्षेत्रों की सीटें भाजपा के खाते गए थी। इस लिहाज से माना जाए कि राज्य के मैदानी इलाकों में हवा का रूख 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ थी खासकर कुमाऊं के तराई वाले इलाकों का। वहीं, हाल के दिनों में किसान आंदोलनों का व्यापक असर ऊधमसिंह नगर जनपद में भी दिखा था। प्रदेश की आबादी में तीन फीसदी आबादी सिक्खों की है जिसमें से सबसे बड़ा हिस्सा ऊधमसिंह नगर जनपद में निवासरत है। लिहाजा, जब पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन चरम में था तो ऊधमसिंह नगर जनपद में इसका असर दिखता रहा।

लिहाजा, 2024 संसदीय चुनाव के दौरान ऊधमसिंह नगर जनपद की सभी 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। हालांकि, भाजपा के पक्ष में इस संसदीय सीट का नैनीताल जनपद के तहत आने वाली 6 में से 5 पर्वतीय क्षेत्र की विधानसभा सीटों में मजबूत स्थिति है लेकिन संपूर्ण संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का 20 फीसदी के करीब की हिस्सेदारी ही पर्वतीय क्षेत्रों का मतदाता है जबकि 80 फीसदी के करीब मतदाता मैदान तराई में निवासरत है। लिहाजा, यह संसदीय सीट भाजपा के लिए चुनौती साबित हो रही है। ऐसे में माना जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूद्रपुर से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत कर इस सीट की उन विधानसभाओं को मजबूत करने का संदेश देंगे।
रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 1.27 फीसदी अनुसूचित जनजाति मतदाता, 32 फीसदी से अधिक ग्रामीण मतदाता हैं। जबकि नैनीताल संसदीय सीट पर 16 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति मतदाता, 5 फीसदी अनुसूचित जनजाति मतदाता, 62 फीसदी से अधिक ग्रामीण मतदाता जबकि 37 फीसदी से कुछ ज्यादा शहरी मतदाता है।

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