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जयंती : मसूरी आया करते थे पटेल !

Penpoint Dehradun: विश्व विख्यात पहाड़ों की रानी मसूरी का देश की आजादी से गहरा रिश्ता रहा है। आजादी के आंदोलन से जुड़ी हुई तमाम बड़ी हस्तियां मसूरी आती रहीं। आज ऐसी ही एक महान सख्शियत की जयंती के मौके पर हम मसूरी से जुड़ी हुई उनकी यादों को ताजा कर रहे हैं। देश की करीब को 562 छोटी बड़ी रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर भारत संघ का गठन करने वाले महान और दूरदर्शी नेता सरदार बल्लभ भाई पटेल की आज मंगलवार 31 अक्टूबर को जयंती मनाई जा रही है। हालाँकि पिछले नौ सालों में केंद्र में बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार ने सरदार की जयंती को कई मायनों में बढ़-चढ़ कर मनाया, वह जोश इस बरस दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है। इसके राजनीतिक कारण समझ से परे हैं। हालाँकि इतना कहा जा सकता है कि बीजेपी का नेतृत्व इस बार देश के पांच राज्यों में हो रहे विधान सभा चुनाव में उलझा हुआ है। जिसमें केंद्र सरकार से लेकर देश के विभिन्न राज्यों में चल रही बीजेपी सरकार और संगठन के लोग इन राज्यों में चुनावी गतिविधियों में व्यस्त हैं। ऐसे में सरदार पटेल से जुड़े हुए सरकारी कार्यक्रम ज्यादा प्राथमिकता से नजर नहीं आ रहे हैं।

चलिए अब एक बार लौटते हैं सरदार पटेल और उनकी उत्तराखंड से जुड़ी हुई यादों की तरफ। उत्तराखंड के देश दुनिया में मशहूर पहाड़ी शहर मसूरी से देश को एक सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम जुड़ा हुआ है। मसूरी की खूबसूरत हसीं वादियां सरदार पटेल को भी खूब भाती थीं। यही वजह है कि आजादी की लड़ाई और स्वतन्त्रता के बाद देश सेवा के बेहद जरूरी काम में लगे होने के बावजूद वे अपने जीवनकाल में करीब 6 बार मसूरी आए। देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की आज जयंती है। देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी उन्हें और उनके योगदान को याद कर श्रद्धांजलि दी जा रही है।

सरदार का उत्तराखंड के इस पहाड़ी क्षेत्र में कहाँ आना हुआ था। जी हाँ पटेल मसूरी में देश के अग्रणी कारोबारी और स्वतंत्रा के आंदोलन में शरीक रहे दो लोगों के यहाँ स्थित हैप्पीवैली बिरला हाउस और कैमल्स बैक रोड स्थित पदमपत सिंघानिया के कमला कैसेल में रुका करते थे। यहां उनकी पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार बलदेव सिंह, मौलाना आजाद जैसे नेताओं के साथ देश की आजादी को लेकर मंत्रणा होती थी।

इसके अलावा पटेल यहाँ के कुछ स्थानीय लोगों से व्यक्तिगत सम्बन्ध के तौर पर भी प्रवास के दौरान मिला करते थे। जिनमें कैमल्स बैक रोड पर रहने वाले एक ज्योतिषाचार्य से भी कई बार मुलाक़ात होने के बारे में जानकारी मिलती है। बताया जाता है कि अपनी बेटी की शादी के बारे में उन्होंने ज्योतिषी से चर्चा कर परामर्श लिया, और पूजा पाठ करवाया था।

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