कंडाली : साग के साथ चाय भी, अच्छी सेहत का खजाना
–कंडाली की पत्तियों की चाय औषधीय गुणों से भरपूर, ह्दय रोग, डायबिटीज समेत कई बीमारियों से लड़ने में कारगर
पंकज कुशवाल, देहरादून: कंडाली वानस्पतिक नाम एट्रिका डायको/इंडिका का साग पहाड़ों में सर्दियों के दौरान खाई जाने वाली जरूरी खुराक है। ठंड से राहत देने के साथ ही तमाम औषधीय गुणों से भरपूर कंडाली का साग उत्तराखंड के गढ़ भोज के रूप में भी ख्याति पा चुका है और कड़ाके की ठंड के दौरान बेहद चाव से खाई जाने वाली कंडाली के साग का जायका देश विदेश से पहुंचने वाले पर्यटकों को भी खूब भाता है। लेकिन, क्या आपने कंडाली की चाय की भी चुस्कियां ली है। कंडाली के सूखे पत्तों से बनने वाली चाय कंडाली के साग की तरह ही कई औषधीय गुणों से भरपूर है। वजन कम करने से लेकर बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के साथ ही ह्दय संबंधी रोगों से बचाव के लिए कंडाली की सूखी पत्तियों की चाय नेटल टी के नाम से खूब पसंद की जा रही है।
कंडाली, कंटीली पत्तियों वाला यह पौधा पहाड़ों में पहाड़ी पुलिस के नाम से जाना जाता रहा है।
अहिंसक हथियार है कंडाली
बिगड़े बच्चों को सही करना हो या फिर शराब पीकर हंगामा कर रहे शराबी का नशा उतारना हो, कंडाली की झाड़ियां सदियों से ही पहाड़ में इस काम के लिए उपयुक्त हथियार रहा है। अहिंसक हथियार कंडाली से होने वाली झनझनाहट अच्छे अच्छों के होश ठिकाने ला देता है। पहाड़ों में सर्दियों के दौरान इसे पकाकर इसका जायकेदार साग भी सदियों से पहाड़ के भोजन का हिस्सा रहा है। अपने औषधीय गुणों से जहां कंडाली का साग डायबिटीज, ह्दय रोगों से बचाव करता है वहीं कड़ाके की ठंड से बचने के लिए शरीर को पर्याप्त उष्मा भी देता है। लेकिन, कंडाली के साग के समान ही कंडाली के पत्तों से बनने वाली चाय भी कम औषधीय गुणों की खान नहीं है। नेटल टी के नाम से बाजार में बिक रही कंडाली की चाय की मांग बीते सालों में तेजी से बढ़ी है।
जानते है कि कंडाली की चाय पीने के क्या क्या फायदे हैं –
- डायबिटीज
साल 2013 में हुए एक रिसर्च में कहा गया है कि बिच्छू का अर्क रक्त शर्करा को कम करके टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित कर सकता है। बताया जाता है कि इससे टाइप-2 मधुमेह रोगियों का फास्टिंग ब्लड शुगर कम हो सकता है । इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, जो ग्लूकोज को आंत में अवशोषित होने से रोकने की क्षमता दिखाता है।
2. अर्थराइटिस
नेटल टी में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है। इस प्रभाव से ऑटोइम्यून बीमारी जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण को कुछ कम किया जा सकता है। साथ ही नेटल टी ऑस्टियोअर्थराइटिस (गठिया का एक प्रकार) के लक्षण और जोड़ों के दर्द को भी कम कर सकता है।
3. यूरिनरी ट्रैक्ट हेल्थ
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाव करने में भी कंडाली चाय मददगार साबित हो सकती है। बैक्टीरिया के कारण होने वाले इस संक्रमण से लड़ने के लिए कंडाली की पत्तियों में मौजूद एंटी बैक्टीरियल प्रभाव पेशाब के रास्ते होने वाले संक्रमण से बचाव का काम करते हैं।
4. तनाव दूर करने में मददगार
कंडाली की पत्तियों से बनने वाली चाय से संबंधित एक शोध के अनुसार, इसकी पत्तियों में तनाव कम करने वाले प्रभाव होते हैं। इसमें मैग्नीशियम होता है, जिसे तनाव को कम व दूर करने के लिए प्रभावी माना जाता है।
5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार
कोरोना संकट के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता के अच्छे होने के फायदे लोगों को नजर आए। बीमारियों से लड़ने वाले तत्वों को शरीर में बढ़ाने में कंडाली की चाय मददगार होती है। कंडाली के अर्क में मौजूद लिगनेन कंपाउंड प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सुधार करते हैं। इसके अलावा, यह रोग प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने और बेहतर करने में भी मदद करता है
6. दिल को रखे सेहतमंद
दिल को सेहतमंद रखने की खूबियां भी कंडाली की चाय में होती है। इसमें मौजूद क्वेरसेटिन, कैम्पफेरोल और रुटिन जैसे फ्लेवोनोइड्स जैसे तत्व शरीर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव दिखाते हैं। इन प्रभावों की वजह से कंडाली की चाय ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम करके हृदय रोग से बचाने में मदद कर सकती है। यान दें कि संवेदनशील और गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर से पूछकर ही नेटल टी को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
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Super details
गर्व होता है हम उत्तर खंडी हैं
जय गङ्गे जय समेश्वेर