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कोविड-19 हुआ समाप्त, जानिए महामारी ने क्या बदला हमारी जिंदगी में

PEN POINT : बीती पांच मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने कोविड-19 महामारी के लिए लगाई गई इमरजेंसी को समाप्त कर दिया है। गौरतलब है कि इस महामारी ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान ली और दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। महामारी के कारण आए बदलावों के कुछ असर स्थायी तौर पर मानव जीवन में रह गए हैं।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टड्रोज घेब्रेयसस ने कहाः बड़ी आशा के साथ मैं वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में कोविड-19 के खात्मे को घोषित करता हूं।

हालांकि व्यावहारिक रूप से इस घोषणा के बाद दुनिया में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होंगे, जिसकी वजह है कि कई देशों ने पहले ही कोविड के लिए अपने आपातकाल को समाप्त कर दिया है। वहीं वायरस के नियंत्रण के लिए लागू किये गए लगभग सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिबंधों भी खत्म कर दिये गए हैं।
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस वायरस की महामारी की स्थिति एचआईवी की तरह बनी रहेगी।
न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट में पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन के डॉक्टर केश्रीनाथ रेड््डी बताते हैं कि महामारी को खत्म करने की घोषणा उचित है क्योंकि वैश्विक स्तर पर वैक्सिनेशन या इंफेक्शन या फिर दोनों से कोविड के लिए उच्च स्तरीय इम्यूनिटी बन चुकी है। कोविड ने एक संतुलन का स्तर हासिल कर लिया है। या एक तरी का सह अस्तित्व हासिल कर लिया है जिसका मेजबान मानव है।
डॉ रेड्डी बताते हैं कि आपातकालीन स्थिति की समाप्ति को मानवीय उपलब्धि के क्षण और विज्ञान के उत्सव के रूप में सराहा जाना चाहिए।

कोविड से आए बदलाव
कोविड-19 महामारी के बाद लोग सार्वजनिक जगहों पर मास्क का उपयोग करने लगे हैं। हालांकि भारत में भीड़भाड़ वाली जगहों पर अधिकांश लोग मास्क पहने नजर नहीं आते। लेकिन कई जागरूक लोग मास्क पहने दिख जाते हैं, कोविड ही नहीं धुल व अन्य तरह के प्रदूषण से बचने के लिए भी लोग मास्क पहनने लगे हैं। यह स्थिति पहले नजर नहीं आती थी।
वहीं सेनेटाइजर का उपयोग भी सभी आम जगहों पर दिखने लगा है। घर, दुकान या दफ्तरों में लोग आनिवार्य रूप से सेनेटाइजर रखने लगे हैं। जबकि कोविड से पहले भारत में सेनेटाइसर का उपयोग मेडिकल स्टाफ के साथ ही बहुत कम लोग करते थे। जिससे कोविड ही नहीं बल्कि अन्य कीटाणु व वायरस जनित रोगों से सुरक्षित रहा जा सकता है।

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर भी कोविड-19 के बाद जागरूकता आई है। अब खान पान हो या फिर योग प्राणायाम या कसरत हो। लोग इन उपायों की ओर ध्यान देने लगे हैं। हालांकि भारत अब भी स्वास्थ्य जागरूकता के मामले में निचले पायदान पर है, लेकिन महामारी के बाद इस स्थिति में आंशिक सुधार तो हुआ ही है।

कितनी जानें गई कोविड से
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक 3 मई तक 765,22,932 कोविड मामलों की पुष्टि हुई। इनमें 6921614 लोगों की मृत्यू भी हुई। वहीं भारत में 05 मई 2023 को सक्रिय मामलों की संख्या 33,232 के आसपास रही। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में सक्रिय मामलों की संख्या 36,244 थी। जबकि 3 मई को इनकी संख्या 40177 दर्ज हुई थी।

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