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यूपी की तरह लोक संपत्ति के नुकसान पर कानून लाई उत्तराखंड सरकार, जानिए अहम बातें

Pen Point, Dehradun : दंगों और अशांति के मामलों में सार्वजानिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के अध्यादेश को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। यूपी की तरह इस कानून के तहत क्षतिपूर्ति की वसूली नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिये ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा जिसमें कोर्ट की तरह ही कार्यवाई होगी। कैबिनेट में पारित होने के बाद इसे मंजूरी के लिये राज्यपाल को भेजा जाएगा। अब राज्य में इस कानून का लागू होना तय माना जा रहा है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में दंगों में होने वाले सार्वजनिक या लोक संपत्ति के नुकसान हो देखते हुए अक्टूबर 2022 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह कानून लागे किया था।

क्या है लोक संपत्ति
अध्यादेश में लोक संपत्ति से आशय ऐसे भवन, प्रतिष्ठान या अन्य संपत्ति से है जिसका उपयोग जल, प्रकाश, शक्ति या उर्जा के उत्पादन या वितरण के लिये किया जाता है। इसके अलावा तेल प्रतिष्ठान, सीवेज प्लांट, खान या कारखाना, लोक परिवहन या दूर संचार साधन ओर इस हेतु उपयोग किये जाने वाला भवन अथवा प्रतिष्ठान भी लोक संपत्ति में शामिल हैं।

क्या हो सकती है कार्रवाई
इस कानून के तहत .राज्य की शिकायत के बाद, एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल पहचाने गए आरोपियों के खिलाफ आरोपों की जांच करेगा। नुकसान की वसूली के लिए आकलन और आदेश सरकार और अन्यथा प्रभावित पक्षों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद ट्रिब्यूनल द्वारा जारी किए जाएंगे। यूपी में लागू अध्यादेश के अनुसार दंगों या अराजक विरोध प्रदर्शन के दौरान लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर अध्यादेश के तहत कार्रवाही होगी। जिसके लिये ट्रिब्यूनल में दर्ज मामलों की सुनवाई के तहत कम से कम छह महीने का कठोर कारावास हो सकता है। जिसकी अधिकम अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से, दण्डित किया जाएगा।

जमानत
जमानत के बारे में यूपी के अध्यादेश में विशेष उपबन्ध-कोई व्यक्ति जो धारा 3 या धारा 4 के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का अभियुक्त है या उसके लिए सिद्धदोष ठहराया गया है, यदि अभिरक्षा में है तो, जमानत पर या उसके स्वयं के बन्धपत्र पर तभी छोड़ा जाएगा जब अभियोजन-पक्ष को ऐसे छोड़े जाने के लिए आवेदन का विरोध करने का अवसर दे दिया गया है ।

इसके अलावा सोमवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में ये प्रस्ताव भी पारित हुए-

-वित्त विभाग के द्वारा सहायक लेखाधिकारियों के पदों पर पदोन्नति होने वाले अधिकारियों के लिए नियमावली में बदलाव, समाज कल्याण विभाग में केंद्र सरकार द्वारा एससी के छात्रों को दी जाने वाली दशमोत्तर छात्रवृति को राज्य सरकार ने एडॉप्ट किया।

-उत्तराखंड लोक एवम निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने लगाई मुहर।

-एनआईटी सुमाड़ी श्रीनगर को मिली भूमि, कैबिनेट ने लगाई मुहर।

-आवास नियमावली में किया गया संशोधन। 6 लाख कि राशि को 9 चरणों में दी जाएगी। पहले 7 चरणों में दी जाती थी राशि।

-माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंर्तगत अशासकीय विद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया पर कैबिनेट की रोक के लिए उच्च शिक्षा में बनाई गई समिति करेगी समीक्षा।

-फैमली कोर्ट में चाइल्ड काउंसलर और जनरल काउंसलर के पद बड़ाए जायेंगे। कोर्ट के आदेशों पर 4 जनपद देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर, व नैनीताल में बड़ाए जायेंगे।

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