Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • राज्य में किसानों पर 12 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का कृषि ऋण बकाया

राज्य में किसानों पर 12 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का कृषि ऋण बकाया

– प्रदेश में प्रति किसान पर औसतन डेढ़ लाख रूपए का कृषि ऋण बकाया, देश के औसत से अधिक है राज्य के किसानों पर कृषि ऋण बकाया
PEN POINT, DEHRADUN : उत्तराखंड में किसान कर्ज के बोझ तले दब रहे हैं। बैंकों, वित्तीय संस्थाओं द्वारा किसानों को दिए जा रहे करीब 13 हजार करोड़ रूपए का ऋण किसानों पर बकाया है। वहीं, राज्य में औसतन हर किसान डेढ़ लाख रूपए के कृषि ऋण का बकाएदार है। राज्य में किसानों पर कृषि ऋण का औसत देश के कृषि ऋण के औसत से ज्यादा है। देश में औसतन हर किसान 1 लाख 35 हजार रूपए का बकायादार है। जबकि, उत्तराखंड में यह औसत धनराशि 1,50,546 रूपए है।
भारत में कृषि कार्यों, कृषि उत्पादन के लिए लिया गया साढ़े पंद्रह करोड़ किसानों पर 21 लाख करोड़ रूपए का ऋण बकाया है। नाबार्ड की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के हर किसान पर औसतन 1 लाख 35 हजार का ऋण बकाया है। उत्तराखंड में 8,50,162 किसानों पर कृषि ऋण के रूप में बैंकों का 12,799 करोड़ रूपए का ऋण बकाया है। यहां औसतन हर किसान औसतन 1,50,546 रूपए के कृषि ऋण का बकायेदार है। हालांकि, पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में 5,94,446 किसानों पर बैंकों का 10,627 करोड़ रूपए बकाया हैं इस लिहाज से हिमाचल प्रदेश का हर किसान औसतन 1 लाख 78 हजार रूपए का बकायादार है जो उत्तराखंड के औसत के मुकाबले ज्यादा है।
उत्तराखंड में राज्य सरकार भी कृषि ऋण वितरण को लेकर विशेष अभियान चलाती रही है। वहीं, सहकारी बैंकों के जरिए ब्याजमुक्त कृषि ऋण की योजना भी शुरू की गई थी जिसमें दो लाख रूपए तक के कृषि ऋण कुछ शर्तों के साथ ब्याजमुक्त बांटने का दावा किया गया था।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required