जानलेवा बेदर्द बूंदें: 30 से ज्यादा जिंदगी लील चुकी मानसून की बारिश
– राज्य में सैकड़ों परिवारों को किया बेघर, बारिश के कारण पैदा हुए हालातों के चलते 31 लोगों ने गंवाई जान
PEN POINT, DEHRADUN : राज्य में यूं तो अमूमन हर मानसून सीजन कई लोगों की जान लेने वाला साबित होता है, इस साल भी मानसूनी बारिश 30 से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है तो वहीं सैंकड़ों परिवारों को बेघर कर चुका है। बीते गुरूवार देर रात भारी बारिश के दौरान केदारनाथ के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड में भूस्खलन की चपेट में आने से 20 लोग लापता हो गए। शुक्रवार पूरे दिन भर चले खोज एवं बचाव कार्य में एसडीआरएफ और पुलिस तीन लोगों के शव बरामद कर सकी लेकिन बाकी लापता 17 लोगों के लिए शनिवार को भी खोज बचाव कार्य जारी रहा। हालांकि, इन सभी के जीवित बचने की आशंका बेहद कम है। मानसून सीजन के दौरान अब तक 31 मौतें हो चुकी है, यदि लापता इन लोगों के शव बरामद हो जाते हैं तो मरने वालों की तादात 48 के करीब पहुंच जाएगी।
राज्य में इस बार मानसून ने भले ही जुलाई महीने के पहले हफ्ते के आखिर में दस्तक दी हो लेकिन राज्य के अधिकतर हिस्सों में जून मध्य से ही भारी बारिश का दौर शुरू हो चुका था। पश्चिमी विच्छोभ और प्री मानसून की बारिश के बाद शुरू हुआ मानसूनी बारिश प्रदेश के जन जीवन पर भारी पड़ रही है। भारी बारिश से राज्य के अलग अलग हिस्सों में अब तक 31 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तो सैकड़ों परिवारों को मानसूनी बारिश बेघर कर चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग की ही माने तो इस साल मानसून सीजन में अब तक 1176 घर खतरे की जद में आ चुके हैं तो जगह जगह भारी बारिश के बाद बादल फटने जैसी आपदाओं की जद में आकर 32 घर जमींदोज हो चुके है। प्रदेश की हजारों की आबादी मानसून से पैदा हुई परिस्थितियों के चलते बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है जबकि बारिश का दौर अभी कुछ हफ्तों तक और चलने की संभावना है।
प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों मंे उत्तरकाशी पहले नंबर पर है। भारी बारिश के चलते पैदा हुए हालातों से उत्तरकाशी जिले में 7 लोगों की मौत और 15 लोग घायल हुए हैं। तो यहां कई गांवों में भवनों में भारी दरारों के चलते 200 से भी अधिक परिवार अन्य जगहों पर शरण लिए हुए है। यही हाल राज्य के अन्य जनपदों का भी है।