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पड़ताल : आखिर क्‍यों फूटा बेरोजगारों का गुस्‍सा

-गुरूवार को पूरे दिन गांधी पार्क में विरोध प्रदर्शन करते रहे हजारों बेरोजगार युवा, रद होती परीक्षाओं को लेकर फूटा गुस्सा
– नकल विरोधी कानून के लागू न होने तक परीक्षाओं को रद्द करने की कर रहे हैं मांग
पेन प्वाइंट, देहरादून। पेपर लीक व नकल के चलते साल भर के भीतर पांच प्रतियोगी परीक्षाओं के रद होने गुस्साए बेरोजगार युवकों का गुस्सा गुरूवार को राजधानी में ज्वालामुखी बनकर फूट पड़ा। अब तक सोशल मीडिया के जरिए प्रशासन व तंत्र पर गुस्सा निकाल रहे हजारों बेरोजगार गुरूवार को राजधानी की सड़कों पर उतर आए। इस दौरान सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठियां तक नहीं हटा सकी।
उत्तराखंड में बीते साल भर में वीपीडीओ, स्नातक स्तरीय परीक्षा, सचिवालय रक्षक, वन दरोगा, पटवारी परीक्षाएं रद हुई है। परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक के चलते सरकार ने इन परीक्षाओं को बीते दिनों रद किया। ऐसे में सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खप रहे बेरोजगार युवाओं का बड़ा झटका लगा था। लगातार रद होती परीक्षाओं, परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं से पेपर लीक होने, परीक्षा में नकल जैसे मामले सामने आने से सालों से नौकरी पाने को खप रहे बेरोजगार लगातार सोशल मीडिया के जरिए अपनी नाराजगी जता रहे थे।
जनवरी महीने में पटवारी परीक्षा के बाद पेपर लीक होने की जानकारी मिलने पर सरकार की ओर से परीक्षा रद कर फरवरी में आयोजित करने का फैसला लिया। इसी बीच राज्य सरकार ने फैसला लिया कि परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए नकल विरोधी कानून लाया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे बेरोजगार युवा भी इसके बाद से मांग कर रही थी कि जब तक नकल विरोधी कानून लागू नहीं हो जाता है तब तक कोई भी परीक्षा आयोजित न करवाई जाए। लेकिन, 12 फरवरी को प्रस्तावित पटवारी परीक्षा के रद न होने से आखिरकार बेरोजगारों का गुस्सा फूट ही गया। अब तक सोशल मीडिया के जरिए नाराजगी जा रहे बेरोजगार युवा गुरूवार को राजधानी में सड़कों पर उतर आए। गुरूवार सुबह से ही देहरादून में रह कर परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हजारों बेरोजगार युवा गांधी मैदान में जुटने लगा। युवाओं का हुजूम बढ़ने लगा तो पुलिस के हाथ पांव भी फूल गये। लगातार परीक्षाओं के रद होने से गुस्साए छात्रों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। बेरोजगारों का गुस्सा लाजमी था। प्रदर्शन में आए अमित नाम के युवा बताते है कि वह स्नातक करने के बाद तीन सालों से देहरादून में एक छोटे से कमरे में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे, परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसके बावजूद सरकारी नौकरी की चाह में वह और उनका परिवार अपनी जरूरतों का गला घोंट कर उनकी परीक्षाओं की तैयारियों में मदद कर रहा लेकिन लगातार परीक्षाओं के रद होने, पेपर लीक ने उनका आत्मविश्वास तोड़ दिया है।
पुलिस द्वारा लाठीचार्ज, खदेड़ने के बावजूद युवा पूरा दिन भूखे प्यासे गांधी पार्क में प्रदर्शन में डटे रहे। हालांकि, गुस्साए छात्रों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके लेकिन ज्यादातर युवाओं ने मौके पर पत्थरबाजी की निंदा कर पत्थर फेंक रहे युवाओं को समझाया।

पुलिस ने सोशल मीडिया पर अपने कमेंट बॉक्‍स को किया लॉक

गुरूवार को देहरादून में प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ प्रदेश भर के युवाओं का सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ गुस्‍सा फूट पड़ा। सोशल मीडिया पर युवाओं ने पुलिस को खूब खरी खोटी सुनाई। सोशल मीडिया पर युवाओं के गुस्‍से को देखते हुए पुलिस ने  अपने सोशल मीडिया अकाउंट में कमेंट बॉक्‍स को बंद कर दिया।

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