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पहचान जिंदा रखने की सोच ने तुर्की को तुर्किए बना दिया

-पुरातन परंपराओं और जनता की भावनाओं को आधार बनाकर बदले हैं कई देशों ने अपने नाम

पंकज कुशवाल, PEN POINT : इन दिनों तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बारे में अखबारों में छप रही खबरों के जरिए आपको भी तुर्की में हुए व्यापक नुकसान की खबर मिल रही होगी,  लेकिन आप इस बात से भी हैरान होंगे कि ज्यादातर अखबार तुर्की को तुर्किए लिख रहे हैं, जबकि आपने बचपन से ही इस देश का नाम तुर्की सुना, लिखा पढ़ा है। असल में अपनी रिब्रांडिंग के लिए तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैयब अर्दोआन ने बीते साल जून महीने में तुर्की का नाम बदलकर तुर्किए करने का फैसला लिया था। मुस्लिम जगत के अगुवा बनने के मिशन में जुटे तुर्की राष्ट्रपति ने अपने देश के नाम बदलने के फैसले को राष्ट्रहित की भावना, देश के इतिहास को सम्मान देना बताया था।
हालांकि, अपने देश का नाम बदलने वाले तुर्की राष्ट्रपति न पहले हैं न शायद आखिरी होंगे। बीते सालों में कई देशों ने अपने नाम बदले हैं। नाम बदलने के पीछे अपनी पुरातन परंपराओं, जनता की भावनाओं को आधार बताया जाता है।

आईए, जानते है बीते सालों में किन किन देशों ने अपना नाम बदला है-
ईरान– 1935  से पहले ईरान को पर्सिया के नाम से जाना जाता था। दुनिया भर में ईरान को पर्सिया के नाम से बुलाया जाता था। लेकिन 1935 में ईरान ने दुनिया के देशों से अनुरोध किया कि वह अंतरराष्ट्रिय संबंधों में पर्सिया या फारस का नाम बदलकर ईरान कर लें। अब इस देश को ईरान के नाम से ही जाना पहचाना जाता है।

थाईलैंड- पर्यटन के लिए दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र थाईलैंड का नाम 1939 तक सियाम था। राजशाही द्वारा संचालित यह देश कभी न तो अंग्रेजों का गुलाम रहा न फ्रांस का। 1939 में राजशाही लोकतंत्र में तब्दील होने के बाद तत्कालीन राजा ने अपने देश सियाम का नाम थाईलैंड कर दिया।

कंबोडिया– कंबोडिया देश ने बीते सात दशकों में कई बार अपना नाम बदला है। 1953 से 1970 के बीच इस देश का नाम पहले किंगडम ऑफ कंबोडिया रखा गया फिर इसे बदलकर ख्मेर रिपब्लिक कर दिया गया। यह नाम 1975 तक प्रचलन में रहा। 1975 से 1979 तक साम्यवादी शासन के तहत इसे डेमोक्रेटिक कंपूचिया कहा जाता था। 1989 से 1993 तक संयुक्त राष्ट्र संक्रमण प्राधिकरण के तहत, यह कंबोडिया राज्य बन गया। 1993 में राजशाही की बहाली के बाद, इसका नाम बदलकर कंबोडिया साम्राज्य कर दिया गया।

म्यांमार– मूल रूप से बर्मा कहे जाने वाले, सत्तारूढ़ सैन्य जुंटा ने एक लोकप्रिय विद्रोह के दमन में हजारों लोगों के मारे जाने के एक साल बाद 1989 में इसका नाम बदलकर म्यांमार कर दिया। परिवर्तन को संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस और जापान जैसे देशों द्वारा मान्यता दी गई थी, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका और यूके द्वारा नहीं।

निदरलैंड– पूर्व में इसे हालैंड के नाम से जाना जाता था। जनवरी 2020 में इसका नाम निदरलैंड कर दिया गया।

आयरलैंड– 1937 से पहले तक आयरलैंड देश का नाम आइरिस फ्री स्टेट था। लेकिन साल 1937 में इंग्लैंड से खुद को अलग कर इस मुल्क ने अपना नाम आयरलैंड रख दिया अगले दो साल बाद इसने खुद को इंग्लैंड से आजाद घोषित कर दिय।

श्रीलंका– भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका का नाम 1972 तक सीलोन था। इसे 1972 में बदलकर लंका कर दिया। लंका के आगे सम्मान जताने के लिए श्री शब्द का प्रयोग शुरू किया गया और पचास साल पहले यह देश सीलोन से श्रीलंका बन गया।
इसके अलावा चेक रिपब्लिक ने अपना नाम बदलकर चेकिया,  रोडेशिया ने अपना नाम बदलकर जिम्बाबे,  स्वाजिलैंड ने अपना बदलकर इस्तावनी, रिपब्लिक ऑफ मेकडोनिया ने रिपब्लिक ऑफ नार्थ मेकडोनिया कर दिया। यह सारे नाम परिर्वतन पिछले सात दशकों के दौरान ही हुए है।

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